Raj Thackeray Rally: राज ठाकरे की औरंगाबाद रैली का राज, बाला साहब ने भी इसी मैदान पर भरी थी हिंदुत्व की हुंकार

Raj Thackeray Rally in Aurangabad: राज ठाकरे की यह मेगा रैली उसी मराठवाड़ा सांस्कृतिक मंडल के मैदान पर होने वाली है जहां 34 साल पहले शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने रैली करके हिंदुत्व का बड़ा कार्ड चला था।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Prashant Dixit
Update: 2022-05-01 07:14 GMT

राज ठाकरे और बाल ठाकरे (image-social media) 

Raj Thackeray Rally in Aurangabad: महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने की अपनी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे रविवार को औरंगाबाद में बड़ी रैली करने वाले हैं। ठाकरे ने इस रैली के लिए औरंगाबाद का चयन बहुत सोच समझकर किया है और इसके जरिए वे शिवसेना को चुनौती देना चाहते हैं। राज ठाकरे की यह मेगा रैली उसी मराठवाड़ा सांस्कृतिक मंडल के मैदान पर होने वाली है जहां 34 साल पहले शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने रैली करके हिंदुत्व का बड़ा कार्ड चला था। इस रैली के जरिए शिवसेना को मराठवाड़ा क्षेत्र में अपने पैर जमाने मैं काफी मदद मिली थी। 

अब राज ठाकरे भी उसी मैदान पर रैली करने जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से ठाकरे को इस रैली की इजाजत मिल गई है मगर रैली के साथ कई शर्तें भी लगाई गई है। माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए ठाकरे अपनी मुहिम को और दमदार बनाने की कोशिश करेंगे।

खुद को मजबूत बनाने में जुटे हैं ठाकरे 

महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों राज ठाकरे खुद को एक बार फिर मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर को उतारने के लिए 3 मई तक का अल्टीमेटम दिया है।

 उनका कहना है कि यदि मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो मनसे कार्यकर्ता उनके सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसी कड़ी में उन्होंने रविवार को औरंगाबाद में बड़ी रैली करने का ऐलान किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि राज ठाकरे ने औरंगाबाद का चयन यूं ही नहीं किया है बल्कि इसके पीछे उनकी सोची-समझी रणनीति है।

1988 में बाल ठाकरे की यादगार रैली 

शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने भी 80 के दशक में महाराष्ट्र में शिवसेना को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए थे। उन्होंने भी 1988 में हिंदुत्व का कार्ड खेलने के लिए औरंगाबाद के इसी मैदान का सहारा लिया था। ठाकरे के इस रैली में बड़ी भीड़ थी और रैली में ठाकरे ने खान (मुस्लिम) और बाण (शिवसेना का चुनाव चिह्न) में से किसी एक को चुनने की अपील की थी। 

इसके पहले ठाकरे मुंबई और ठाणे आदि इलाकों में शिवसेना को मजबूत बना चुके थे मगर औरंगाबाद रैली के जरिए उन्हें मराठवाड़ा में भी शिवसेना को मजबूत बनाने में काफी मदद मिली थी। बाल ठाकरे की इस यादगार रैली के 34 साल बाद अब राज ठाकरे भी इसी मैदान पर हिंदुत्व का कार्ड चलने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस रैली में बाला साहब ठाकरे को याद करने के साथ ही वे शिवसेना पर भी बड़ा हमला बोलेंगे।

मुंबई से बाहर भी आयोजन का फैसला 

मनसे महासचिव शालिनी ठाकरे का कहना है कि हमारी पार्टी अपने एजेंडे पर काम कर रही है। पार्टी की रणनीति को लेकर पिछले कुछ महीनों के दौरान लगातार चर्चा की गई है और इसमें एक बात यह उभरकर सामने आई कि मनसे को मुंबई से बाहर भी कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। 

राज्य के दूसरे हिस्सों में रैलियों का आयोजन करने से हम ज्यादा कार्यकर्ताओं और लोगों तक पहुंचने में कामयाब होंगे और इसीलिए मनसे की ओर से औरंगाबाद रैली का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए पार्टी मुंबई के बाहर भी लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब होगी।

राज ठाकरे के संबोधन पर सबकी निगाहें

प्रशासन की ओर से रैली के आयोजन की अनुमति तो दे दी गई है मगर पुलिस की ओर से रैली को लेकर कई शर्तें भी लगाई गई है। राज ठाकरे करीब 150 गाड़ियों के काफिले के साथ औरंगाबाद पहुंच चुके हैं। राज ठाकरे हाल के दिनों में उग्र बयान देते रहे हैं। ऐसे में रैली में उनके संबोधन पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए वे समझदारी के साथ हिंदुत्व का कार्ड चलेंगे और मनसे की मुहिम को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।

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