होटल्स में मौज-मस्ती करने वाले विधायकों की अब खैर नहीं, भत्ते पर लगेगी रोक!
राजस्थान में उठा सियासी तूफान अभी पूरी तरह से थमा नहीं है । मामला आरोप-प्रत्यारोप, धरना प्रदर्शन के बाद कोर्ट कचहरी जा पहुंचा है। सियासी घटनाक्रम का एक केंद्र राजस्थान हाईकोर्ट बना हुआ है।
जयपुर: राजस्थान में उठा सियासी तूफान अभी पूरी तरह से थमा नहीं है । मामला आरोप-प्रत्यारोप, धरना प्रदर्शन के बाद कोर्ट कचहरी जा पहुंचा है। सियासी घटनाक्रम का एक केंद्र राजस्थान हाईकोर्ट बना हुआ है।
पहले सचिन पायलट फिर मदन दिलावर और उसके बाद बसपा की ओर से दायर याचिकाओं पर हो रही सुनवाई के चलते सबकी नजरें राजस्थान हाईकोर्ट पर टिकी हुई हैं।
वहीं, अब प्रदेश में चल रहे इसी राजनीतिक घटनाक्रम के चलते एक ओर याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। विवेक सिंह जादौन की ओर से दायर की गई इस जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वो इस घटनाक्रम के चलते पिछले तीन सप्ताह से पांच सितारा होटल्स में ठहरे हुए करीब 121 विधायकों के वेतन भत्ते रोकने का आदेश जारी करें।
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि राजस्थान में एक विधायक को वेतन व भत्ते मिलाकर करीब ढाई लाख रुपए प्रति माह मिलते हैं। वहीं, अगर इसमें उनको मिलने वाले रेल,फ्लाइट और फर्नीचर के खर्चे को मिला दिया जाए तो यह राशि तीन लाख रुपए तक पहुंच जाता है।
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यहां देखें भत्ता
ट्रेन, प्लेन और स्टीमर भत्ता- 3 लाख प्रति वर्ष
फर्नीचर भत्ता- 80000/- प्रति वर्ष
विधानसभा क्षेत्र भत्ता- 70000/- प्रति माह
हाउस रेंट भत्ता- 30000/- प्रति माह
टेलीफोन भत्ता- 2500/- प्रति माह
डेली भत्ता- 2000/- (राज्य के अंदर), 2500/- (राज्य के बाहर)
निजी सचिव भत्ता- 30000/- प्रति माह
वाहन भत्ता- 45000/- प्रति माह
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नो वर्क नो पे
इनके क्षेत्र में जनता कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है। ऐसे में बिना काम के उन्हें वेतन नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं, इस अवधि का वेतन अगर दे दिया गया है तो उसकी रिकवरी इन विधायकों से की जाए। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ये सभी बातें कही गई हैं।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि हमने अपनी याचिका में कहा है कि प्रदेश में दो नेता अपने-अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसके चलते एक गुट के करीब 102 विधायक प्रदेश में और दूसरे गुट के 19 विधायक हरियाणा में पांच सितारा होटल में ठहरे हुए हैं।
ऐसे में ये विधायक पिछले तीन सप्ताह से अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं गए हैं। जबकि इन्हें देय वेतन भत्ते अपने क्षेत्र में रहने तथा विधानसभा सत्र आहूत होने पर क्षेत्र में नहीं रहने पर भी देय होते हैं। लेकिन अभी ये विधायक फाइव स्टार होटल्स का लुत्फ उठा रहे हैं।
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