गहलोत-पायलट के लिए खास दिन आज, एक फैसले पर टिका राजस्थान का भविष्य

राजस्थान की सत्ता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी उठापटक में हाईकोर्ट का आज आने वाला फैसला कई मायने रखता है।

Update: 2020-07-20 04:17 GMT

जयपुर: राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी संघर्ष के बीच सोमवार यानी आज का दिन बेहद अहम है। आज बड़े फैसलों के आने की सम्भावना है, जो राजस्थान की सियासत को लेकर काफी कुछ साफ़ कर देंगे। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट खेमे की दायर याचिका पर आज फैसला आ सकता है। इस फैसले पर गहलोत सरकार का भविष्य टिका है।

सचिन खेमे के विधायकों की याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई

राजस्थान की सत्ता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी उठापटक में हाईकोर्ट का आज आने वाला फैसला कई मायने रखता है। सचिन खेमे के विधायकों ने विधानसभा स्पीकर की नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुईं थी। हालाँकि सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और सोमवार सुबह 10 बजे अदालत की कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

कोर्ट के फैसले पर राजस्थान की सियासत टिकी

सुनवाई के दौरान अदालत ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर को आदेश दिए थे कि मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक किसी भी विधायक के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करें।

ये भी पढ़ेंः प्रियंका गांधी के सम्पर्क में हैं सचिन पायलट, कांग्रेस में जल्द हो सकती है वापसी!

फैसले से विधानसभा समीकरण होगा स्पष्ट

अदालत के फैसले से कांग्रेस के बाग़ी विधायकों का भविष्य तय होगा और ये भी स्पष्ट हो जाएगा कि आगे अगर गहलोत सरकार को विधान सभा में बहुमत साबित करना पड़ा तो विधायकों के क्या समीकरण होंगे?

बाग़ी विधायकों की छिन सकती है सदस्य्ता

अगर अगर सचिन पायलट और उनके अन्य 18 साथियों की याचिका को कोर्ट की मंज़ूरी मिल जाती है तो इन सभी की विधायकी बच सकती है, हालांकी अगर कोर्ट ने राजस्थान विधानसभा के पक्ष में फैसला सुनाया तो सभी बाग़ी विधायकों की सदस्यता छिन सकती है।

फैसले के बाद ऐसा होगा समीकरण

अगर विधानसभा की नोटिस सही ठहराए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों की सदस्यता ख़त्म कर देने का अधिकार मिल जाएगा। ऐसे राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 19 विधायक कम हो जाएंगे और तब कुल सदस्य 181 माने जाएंगे। बहुमत के लिए 91 का आंकड़ा जरुरी है और गहलोत के पास 101 सदस्यों का समर्थन है।

ये भी पढ़ेंः फंसे गहलोत समेत 102 विधायक, कोर्ट में दर्ज हुई शिकायत, ये है आरोप…

वहीं अगर बागी विधायकों के पक्ष में फैसला आता है तो सभी बाग़ी 19 विधायकों की सदस्यता बच जाएगी और गहलोत सरकार संकट में पड़ सकती है। हालाँकि इसी स्थिति में गहलोत सरकार प्लान बी पर आ सकते हैं।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News