मुख्य सचिव का पद संभाल सकते हैं राजीव कुमार, संजय अग्रवाल हो सकते हैं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव

मुख्य सचिव पद के लिए उनका नाम तभी से चर्चा में आ गया था, जब भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। बताया जा रहा है कि राज्य में नौकरशाही के इस शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सहमति है।

Update: 2017-03-21 05:55 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव की कुर्सी राजीव कुमार को सौंपी जा सकती है। राजीव 1981 बैच के आईएएस हैं। उनकी नियुक्ति की औपचारिकताएं मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नई दिल्ली दौरे के दौरान पूरी की जा सकती हैं।

कुमार को कुर्सी

राजीव कुमार फिलहाल भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात हैं। साफ सुथरी छवि वाले राजीव केंद्र में जाने से पहले उत्तर प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग में प्रमुख सचिव रह चुके हैं।

मुख्य सचिव पद के लिए उनका नाम तभी से चर्चा में आ गया था, जब भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। बताया जा रहा है कि राज्य में नौकरशाही के इस शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सहमति है।

राजीव कुमार अब राहुल भटनागर की जगह लेंगे, जिन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 13 सितंबर 2016 को दीपक सिंघल को हटा कर मुख्य सचिव बनाया था।

संजय पर सवाल

इस बीच प्रमुख सचिव ऊर्जा और उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजय अग्रवाल को मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बनाये जाने की संभावना है। 1984 बैच के आईएएस अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी विश्वसनीय माने जाते रहे हैं। अग्रवाल के कार्यकल में यूपीपीसीएल की कार्यशैली कई बार जांच के घेरे में रही है।

जहां, राजीव कुमार के चयन पर किसी तरह की कोई बहस नहीं है, वहीं संजय अग्रवाल के चुनाव पर कई लोग उंगली उठा सकते हैं। इसका कारण यूपीपीसीएल में अग्रवाल के ठीक नीचे के पद पर बैठे एपी मिश्रा की कार्यशैली भी है। कहा जा रहा है कि योगी सरकार मिश्रा के कामकाज की गंभीर जांच कर सकती है।

यही नहीं, संजय अग्रवाल के चयन पर आश्चर्य इसलिये भी जताया जा रहा है कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश में बिजली और यूपी पॉवर कॉरपोरेशन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर रहा है।

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