राजनाथ का सबसे तीखा बयान...वैसा पड़ोसी तो ऊपर वाला किसी को न दे

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आप दोस्त बदल सकते है मगर पड़ोसी का चुनाव आप के हाथ नहीं होता और जैसा पड़ोसी हमारे बगल बैठा है वैसा पड़ोसी तो ऊपर वाला किसी को न दे। रक्षामंत्री ने कहा तमाम आशंकाओं के बावजूद सुरक्षा और रक्षा में लगी फौज और सुरक्षाबलों ने माहौल को बिगड़ने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी आशंकाएं तो हमें पड़ोस के बारे में रहती हैं।

Update:2019-08-08 18:28 IST

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आप दोस्त बदल सकते है मगर पड़ोसी का चुनाव आप के हाथ नहीं होता और जैसा पड़ोसी हमारे बगल बैठा है वैसा पड़ोसी तो ऊपर वाला किसी को न दे। रक्षामंत्री ने कहा तमाम आशंकाओं के बावजूद सुरक्षा और रक्षा में लगी फौज और सुरक्षाबलों ने माहौल को बिगड़ने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी आशंकाएं तो हमें पड़ोस के बारे में रहती हैं।

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राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी सरकार ने इस देश के Security Architecture को न केवल Multi-Dimensional बनाया है

बल्कि किसी भी Security Challenge से निपटने का हमारा तरीका भी बेहद Dynamic है।

स्थाई समाधान

हमारी सरकार ने संकल्प लिया था कि हमें दशकों से चली आ रही इस

कश्मीर समस्या का कोई ’स्थायी समाधान’ करने की जरूरत है।

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रक्षामंत्री ने कहा प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में चल रही सरकार ने पहले पांच वर्षों में

जम्मू एवं कश्मीर में Permanent Solution की जमीन तैयार की।

कई बड़े कदम

वहीं अब सत्ता में दुबारा आने के बाद हमने उस Solution की दिशा में अपने कई बड़े कदम उठा लिए हैं।

उन्होंने कहा कि संसद के पिछले सत्र में हमने न केवल Article 370 को Nullify कर दिया

बल्कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग Union Territories बनाया

विभेद की राजनीति खत्म की

राजनाथ ने कहा सत्तर सालों से वहां की अवाम के साथ Discriminatory Politics चल रही थी उसे खत्म कर दिया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय के दूरगामी परिणाम होने वाले हैं।

निश्चित रूप से हमारे कुछ पड़ोसियों को रास नहीं आया है।

माहौल बिगाड़ने की कोशिश

उनके द्वारा इस बात की कोशिश की जा रही है कि कैसे भारत में और खासतौर पर जम्मू कश्मीर के अमन अमानात के माहौल को बिगाड़ा जा रहा है।

जब इस तरह के Historical Decisions सरकार लेती है तो सबसे पहली परीक्षा वहां के Security Establishment की होती है।

भारत की सेना और अन्य सुरक्षाबलों ने इस परीक्षा को बड़ी और कड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

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