कांग्रेस ने जब कतर दिए 24 साल पुराने पर तो बीजेपी से बांध ली रीता ने सियासी डोर
हालांकि उनके भाई और उत्तराखंड के सीएम रहे विजय बहुगुणा के बीजेपी में शामिल होने के वक्त से ही रीता बहुगुणा के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं लेकिन उन्होंने इस बात से हमेशा इंकार किया । सोशल मीडिया पर दो दिन से उनके बीजेपी में जाने की खबरें चल रही थीं । लेकिन उनके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ थे।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में अच्छा खासा वक्त गुजारने के बाद लखनऊ कैंट से विधायक रीता बहुगुणा जोशी गुरूवार 20 अक्तूबर को बीजेपी में शामिल हो गईं । वह राजधानी के कैंट विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनाव में विधायक चुनी गई थीं । यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं रीता बहुगुणा हाल में पार्टी में हुए फेरबदल से खुद को काफी उपेक्षित महसूस कर रहीं थीं। राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया और गुलाम नबी आजाद को यूपी का प्रभारी । पार्टी का सीएम चेहरा भी दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को बना दिया गया । चुनाव के लिए जो कमेटी बनी उसमें भी रीता बहुगुणा कहीं नहीं दिखाई दीं । उन्हें पूरी तरह से अलग थलग कर दिया गया ।अब उनके सामने पार्टी छोड़ने के अलावा दूसरा चारा नहीं बचा था ।
अटकलें पहले से थीं
हालांकि उनके भाई और उत्तराखंड के सीएम रहे विजय बहुगुणा के बीजेपी में शामिल होने के वक्त से ही रीता बहुगुणा के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं लेकिन उन्होंने इस बात से हमेशा इंकार किया । सोशल मीडिया पर दो दिन पहले से ही उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरें चल रही थीं । इस मामले में जानकरी लेने के लिए फोन किए गए तो उनके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ मिले ।
27 साल के राजनीतिक करियर में वो 24 साल कांग्रेस में रहीं । कुछ महीने उन्होंने समाजवादी पार्टी में गुजारे और इलाहाबाद से सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लडा।ये और बात है कि वो चुनाव हार गईं । वो 1995 से 2000 तक इलाहाबाद की मेयर भी रहीं । वो राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रहीं । वो महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं ।उन्होंनें 2014 का लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से लडा। उनकी उम्मीदवारी कांग्रेस ने बहुत देर से घोषित की थी इसलिए उन्हें प्रचार का ज्यादा मौका नहीं मिल पाया ।उन्होंने राजनाथ सिंह को कड़ी टक्कर दी थी ।
विरासत में है राजनीति
कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा को 16 जुलाई 2009 को बसपा प्रमुख मायावती पर टिप्पणी के कारण गिरफ्तार किया गया और मुरादाबाद जिला जेल में रखा गया । रीता बहुगुणा ने लगातार हो रहे रेप पर सरकार की ओर से दिए जा रहे 25 हजार रूपए पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीएम मायावती अपना रेप कराएं उन्हें दस लाख रूपए दिए जाएंगे । भट्टा पारसौल में कांग्रेस के किसानों के आंदोलन को लेकर भी उन्हें 11 मई 2011 को गिरफ्तार किया गया था ।
यूपी के सीएम और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा को विकास पुरूष कहा जाता था । खासकर इलाहाबाद से तो उनका विशेष रिश्ता था । आपातकाल के बाद जब जगजीवन राम कांग्रेस से अलग हुए तो वो उनके साथ हो लिए । बाद में बनी जनता पार्टी में वो शामिल हुए ओर केंद्र में मंत्री बने । लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें इलाहाबाद सीट से फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने तीन लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया था ।