संघ का योगी सरकार पर हमला, सरकार-संगठन में समन्वय नही
उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से बनी बीजेपी की पहली सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली कसौटी में विफल साबित हुई। मुख्यमंत्री आवास पर देर रात तक चली भाजपा संगठन, सरकार एवं संघ के वरिष्ठों की बैठक बड़े तनावपूर्ण माहौल में खत्म हुई। संघ के एक वरिष्ठ ने सरकार के
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से बनी बीजेपी की पहली सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली कसौटी में विफल साबित हुई। मुख्यमंत्री आवास पर देर रात तक चली भाजपा संगठन, सरकार एवं संघ के वरिष्ठों की बैठक बड़े तनावपूर्ण माहौल में खत्म हुई। संघ के एक वरिष्ठ ने सरकार के मंत्रियों सहित संगठन के कई पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बनने के बाद भाजपा नेताओं का घमंड सर चढ़कर बोल रहा है आैर इसकी चर्चा गांव पंचायतों तक होने लगी है।
संघ ने सरकार के कामकाज को भी संगठन की मूल विचारधारा के विपरीत करार दिया है। सरकार के कई अल्पावधि के फैसलों की भी बैठक में आलोचना की गयी। संघ ने सरकार के कामकाज में संगठन के कुछ पदाधिकारियों के हस्तक्षेप पर भी आपत्ति जतायी। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर समायोजित करने पर बल दिया गया। इसके लिए सरकार एवं संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनायी जाएगी। संघ ने साफ चेतावनी दी है कि इसमें जल्द ही सुधार नही हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीटें भी मिलनी मुश्किल हो जाएगी। संघ ने सरकार एवं संगठन के कामकाज की अगली समीक्षा जुलाई माह में करने का संकेत दिया है।
संघ, सरकार एवं संगठन की इस समीक्षा बैठक में संघ के दूसरे प्रमुख सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, संघ की तरफ से भाजपा में समन्वय कार्य देख रहे राष्ट्रीय सहमहामंत्री संगठन शिव प्रकाश, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित कई वरिष्ठ मंत्री तथा पदाधिकारी मौजूद थे। संघ ने सरकार के कई निर्णयों को मूल संगठन की नीतियों के विपरीत बताते हुए साफ किया कि निर्णय से पूर्व मातृ संगठन के वरिष्ठों से विचार विमर्श नही किया गया। संघ के एक वरिष्ठ ने इसके लिए प्रदेश भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों की जानकारी से मुख्यालय को अवगत कराने का दायित्व इन्ही का है।
इस कड़ी में शिक्षा तथा पर्यटन से जुड़ी कई योजनाओं को अल्पावधि का बताते हुए साफ किया कि दीर्घकालीन, सामाजिक मान्यता के अनुरूप तथा विकासोन्मुख योजनाए लागू की जाय।
संघ ने कहा कि राज्य में जनता ने भाजपा को प्रचण्ड बहुमत देकर सरकार बनायी है, ऐसे में पांच वर्ष तक आप सभी को काम करने का पूरा मौका है। ऐसी सरकार को दीर्घकालीन योजनाओं पर काम करना चाहिए। संघ ने सरकार से शिक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन करने की मांग की, नये प्रशिक्षित युवकों को मौका दिया जाय। पुराने शिक्षकों की भर्ती पर एतराज जताते हुए संघ ने कहा कि ऐसे शिक्षक पुरानी लीक पर चलने के आदी हो गये है, उनसे नयी आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में सुधार की अपेक्षा नही की जा सकती है। संघ ने साफ किया कि सरकार के पास भर्ती करने के बहुत मौके है आैर लाखों पद खाली है, ऐसे में योग्य युवा अभ्यर्थियों की भर्ती अनिवार्य है। युवाओं की भर्ती से जनता का आक्रोश खत्म होगा आैर नया संदेश जाएगा। संघ ने सरकार के 500 अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के निर्णय को भी आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि सरकार को इन चीजों से बचते हुए जर्मनी, जापान तथा चीन जैसे देशों का अवलोकन करना चाहिए जो शिक्षा प्रणाली के लिए अपनी मातृभाषा पर ही जोर देते है।
संघ ने पर्यटन नीति को बढ़ावा देने को सकरात्मक बताते हुए कहा कि तीर्थस्थलों को तीर्थाटन की तरह बढ़ावा दे, पर्यटन स्थल बनने के बाद इनकी धार्मिक महत्ता समाप्त हो जाएगी। सरकार ने महत्वपूर्ण कई विभागों के कामकाज में सुस्ती पर भी आपत्ति जतायी। आबकारी, पंजीरी वितरण तथा खनन मामलों को लेकर मीडिया में चल रही चर्चाओं पर ध्यान देते हुए इसमें तत्काल सुधार किये जाने पर जोर दिया।
दिल्ली से आये संघ के एक वरिष्ठ ने राज्य के कई मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री से गंभीर निर्र्णय लेने पर जोर दिया। संघ के वरिष्ठ का कहना था कि मंत्रियों के ज्यादातर भ्रष्टाचार की खबरें दिल्ली में यूपी की ही है। संघ ने ऐसे मंत्रियों को चिन्हित कर पहले उन्हे चेतावनी देने आैर सुधार न होने पर मंत्रिमंडल से हटाने का निर्देश दिया। बैठक में किसी ऐसे मंत्री का नाम नही लिया गया परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मुद्दे पर चिन्हित कर कड़ा निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया। संघ ने कहा कि सरकार के कामकाज में संगठन के हस्तक्षेप की कुछ खबरोेें पर गंभीर बताते हुए कहा कि संगठन पदाधिकारी अपने दायित्वों का ही निर्वहन करे।
प्रदेश भाजपा के क्रियाकलापों पर कड़ा रूख अपनाते हुए संघ ने कहा कि पिछले 9 माह से संगठन का काम ठप पड़ा है। कार्यकर्ता उदासीन है। इस दरम्यान संगठन के जितने भी कार्यक्रम आयोजित किये गये, सभी निचले स्तर पर फ्लाप साबित हुए। कई जिलों में बगावत की स्थिति है। युवा कार्यकर्ता भाजपा पदाधिकारियों की बात सुनने को तैयार नही है। पार्टी में भाई-भतीजावाद बढ़ता जा रहा है। संगठन पर पूंजीपतियों के प्रभाव बढ़ने की चर्चाए शुरू हो गयी है। संघ ने इस संदर्भ में जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय को अपनी नयी टीम बनाकर संगठन को कसने की हिदायत दी, वही पर महामंत्री संगठन सुनील बंसल को कार्यकर्ताओं की उपेक्षा दूर करने का निर्देश दिया। संघ ने कहा कि पार्टी कार्यालयों में कार्यकर्ताओं के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करेे तथा हर संभव प्रयास हो कि उनके यथोचित कामों का निपटारा हो जाय।
संघ ने कहा कि भाजपा के पास वरिष्ठ, अनुभवी एवं युवा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम है। इसमें बहुत से ऐसे योग्य लोग भी है जिनका सरकार एवं संगठन में कोई समायोजन नही हो पाया है। ऐसे योग्य लोगों का समायोजन किस प्रकार हो, इसका सरकार तथा संगठन की तरफ से चिन्तन होना चाहिए। कार्यकर्ता निराश होगा तो संगठन कमजोर होगा आैर कमजोर संगठन से सरकार बनाने का सपना पूरा नही होगा। इसके लिए जरूरी है कि सरकार एवं संगठन के कुछ वरिष्ठ लोग बैठकर ऐसे कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर सूची तैयार करे आैर उनके अनुभव एवं सम्मान के अनुरूप समायोजन किया जाय। संघ ने इस काम को मार्च तक पूरा करने की हिदायत दी ताकि अगले वर्ष अप्रैल से यह लोग नयी जिम्मेदारियों का निर्वहन शु डिग्री कर दे।
संघ ने साफ किया कि निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं उत्साहहीनता की जो खबरे आ रही है, वह सरकार एवं संगठन दोनों के लिए ही चिन्ता जनक है। इससे समय रहते नही सुधार किया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को आधी सीटों लाना भी संभव नही होगा। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का ही परिणाम रहा कि निकाय चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नही मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने संघ के वरिष्ठों का आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों के अनुरूप कमियों को दूर करते हुए कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की जाएगी।