भगवा से जुड़ी सायरा बानो, तीन तलाक पर उठाई थी आवाज, अब BJP में शामिल

सायरा बानो ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। सायरा बानो ने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजदूगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

Update: 2020-10-11 03:28 GMT
उन्होंने 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस कानूनी लड़ाई में उन्हें जीत हासिल हुई थी।

नई दिल्ली : सायरा बानो ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। उत्तराखंड भाजपा के बंशी भगत ने बानो का पार्टी में स्‍वागत किया। बता दें कि तीन तलाक के खिलाफ जंग की मांग को लेकर सायरा बानो ने ही सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहली याचिका दायर की थी।

बीते दो साल से उनके भाजपा में आने की अटकलें लग रही थीं। साल 2018 में सायरा बानो 8 जुलाई को भाजपा अजय भट्ट से मिलकर पार्टी में शामिल होने की ख्वाहिश ज़ाहिर थी। अब दो सालों के बाद उनकी यह ख्वाहिश पूरी हो गई है। सायरा आगे चुनावी मैदान में भी नज़र आ सकती हैं। उन्होंने इसका फैसला पार्टी के ऊपर छोड़ दिया है।

 

बीजेपी का दामन थामा

 

सायरा बानो ने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजदूगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। सायरा बानो देश की पहली मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस कानूनी लड़ाई में उन्हें जीत हासिल हुई थी।

 

सोशल मीडिया से फोटो

संवैधानिकता को चुनौती

सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रिपल तलाक के साथ ही निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत करार देते हुए इसे खत्म करने की मांग उठाई थी। सायरा का तर्क रहा है कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर संसद में इसको लेकर कानून बनाए. इस फैसले के बाद केंद्र सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून भी लेकर आई और आज देशभर की मुस्लिम महिलाएं सुकून की जिंदगी जी रही हैं।

काशीपुर की रहने वाली सायरा

सायरा बानो उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली है ही पहली बार तीन तलाक बहुविवाह और निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी। सायरा का​ निकाह 2002 में इलाहाबाद के एक प्रॉपर्टी डीलर से हुई थी। सायरा का इल्ज़ाम था कि शादी के बाद उन्हें हर दिन पीटा जाता था। शौहर रोज़ छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करता था और उन्हें टेलीग्राम के ज़रिए तलाकनामा भेजा। वह एक मुफ्ती के पास गईं तो उसने कहा कि टेलीग्राम से भेजा गया तलाक जायज है। इसके बाद सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के रिवाज को चुनौती दी।

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