Congress President Election: अध्यक्षी की रेस में अकेले पड़े थरूर, जी-23 के साथियों ने भी छोड़ा साथ, बीजेपी ने कसा तंज

Congress President Election: अध्यक्षी का चुनाव लड़ने का ऐलान काफी पहले कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से सांसद शशि थरूर लगभग अकेले पड़ गए हैं।

Update: 2022-10-02 08:05 GMT

अध्यक्षी की रेस में अकेले पड़े शशि थरूर

Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस में अब दो ही कैंडिडेट रह गए हैं। एक अन्य प्रत्याशी झारखंड से आने वाले पूर्व मंत्री डीएन त्रिपाठी का पर्चा खारिज होने के बाद मैदान में केवल अब पूर्व केंद्री मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और त्रिवेंद्रम से लोकसभा सांसद शशि थरूर बचे हैं। यानी मुकाबला अब केवल इन दो दक्षिण भारतीय राज्यों से आने वाले कांग्रेस नेताओं के बीच होगा। मुकाबले से पहले ही नतीजे लगभग साफ नजर आ रहे हैं। नामांकन के दिन जिस तरह मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं की लामबंदी दिखी, उससे ये संदेश साफ चला गया कि सोनिया गांधी के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी की बागडोर खड़गे जैसे वृद्ध नेता के हाथों में आएगी। इस गोलबंदी ने लोकतंत्र और निष्पक्षता के उन तमाम दावों को धत्ता बता दिया, जिसकी दुहाई कांग्रेस के तमाम नेता देते आ रहे थे।

अपनों ने भी थरूर का छोड़ा साथ

अध्यक्षी का चुनाव लड़ने का ऐलान काफी पहले कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से सांसद शशि थरूर को खुद इतने ठंडे रिस्पांस की उम्मीद नहीं रही होगी। थरूर जिस जी – 23 के मुखर नेताओं में शामिल थे, उस गुट के कद्दावर चेहरों ने भी उनसे कन्नी काट ली। सभी खड़गे का नाम जपते दिखे। कांग्रेस सांसद के समर्थन में पार्टी के चंद सांसद और कुछ नेता दिखे। जिनमें संदीप दीक्षित, सैफुद्दीन सोज और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम शामिल हैं। मनीष तिवारी, आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चौहान और भूपेंद्र हुड्डा जैसे जी23 के बड़े नेताओं ने उनसे दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझी। इनमें से कुछ नेता खड़गे के प्रस्तावक भी बने।

अमित मालवीय ने कसा तंज

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार शशि थरूर पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ऐसा लगता है कि जी-23 ने शशि थरूर को छोड़ दिया है। विद्रोही समूह के प्रमुख नेताओं ने थरूर के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा, जबकि थरूर भी जी-23 के नेताओं में से एक हैं। मालवीय ने आगे लिखा कि थरूर के लिए कांग्रेस राज्य कार्यालयों के बंद होने की खबरें कब से आने लगेंगी ?

बता दें कि शशि थरूर की दावेदारी का उनके गृह राज्य केरल की कांग्रेस ईकाई ने ही समर्थन नहीं किया है। एक कांग्रेस सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें केवल एक वोट हासिल होगा, जो उन्हीं का होगा। थरूर ने किससे मशविरा कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। कांग्रेस की राज्य ईकाई आलाकमान के आदेश के मुताबिक उम्मीदवार को समर्थन देगी।

थरूर के तेवर पड़े नरम

शशि थरूर नामांकन के बाद से मीडिया को दिए अपने साक्षात्कार में अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार पर निशाना साध रहे थे। वो कह रहे थे कि अगर वे कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो पार्टी में हाईकमान कल्चर को समाप्त कर देंगे। लेकिन अब उनके तेवर बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, गांधी परिवार और कांग्रेस का डीएनए एक है। कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष इतना बेवकूफ नहीं होगा कि गांधी परिवार को गुडबॉय बोले। 

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