बिहार महागठबंधन में होने लगा बिखराव, नीतीश की तारीफ के साथ मांझी का अल्टीमेटम
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी महागठबंधन में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। महागठबंधन में शामिल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और...
अंशुमान तिवारी
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी महागठबंधन में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। महागठबंधन में शामिल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ करके राजनीतिक हलकों में नई अटकलों को हवा दे दी है। इसके साथ ही मांझी ने महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन को लेकर भी 25 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि उसके बाद हम अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।
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मांझी ने की नीतीश की खुलकर तारीफ
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने नीतीश की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि वह काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने नीतीश को संवेदनशील राजनीतिज्ञ बताया। उन्होंने कहा वे खुद तो अच्छा काम कर रहे हैं मगर जमीनी स्तर पर उनके निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा। नीचे बैठे अफसर आदेशों का सही कार्यान्वयन नहीं कर रहे हैं। इसी कारण फैसलों का अच्छा नतीजा सामने नहीं आ पा रहा है। मनरेगा और क्वारंटाइन सेंटरों में घोटालों के साथ ही मजदूरों को पैसा भी नहीं मिल पा रहा।
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समन्वय समिति के लिए दिया अल्टीमेटम
मांझी महागठबंधन में समन्वय समिति का अभी तक गठन न किए जाने से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में एकतरफा फैसले नहीं लिए जा सकते। इसलिए समन्वय समिति का गठन किया जाना जरूरी है। अब उन्होंने समन्वय समिति के गठन को लेकर साफ शब्दों में अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने समन्वय समिति के गठन के लिए 25 जून तक की अंतिम समय सीमा तय की है। उन्होंने कहा कि अगर 25 जून तक महागठबंधन की समन्वय समिति का गठन नहीं किया गया तो वे अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने के लिए आजाद होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उन्होंने राजद समेत महागठबंधन में शामिल सभी दलों को समन्वय समिति के गठन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन उसके बाद लॉकडाउन लगाए जाने से उन्होंने इस पर ज्यादा जोर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब 25 जून तक की डेडलाइन तय कर दी गई है।
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समन्वय समिति तय करेगी सीएम का चेहरा
महागठबंधन में चुनाव से पहले चल रही खींचतान का एक बड़ा कारण मुख्यमंत्री पद के चेहरे को माना जा रहा है। राजद की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की तैयारी है मगर महागठबंधन में शामिल अन्य दल इस पर रजामंद नहीं है। मांझी ने भी साफ तौर पर कहा कि महागठबंधन में अभी मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया गया है। समन्वय समिति का गठन किए जाने के बाद समिति की ओर से ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय किया जाएगा।
कोरोना संकट काल में भी गरमाई सियासत
कोरोना संकट काल में भी राज्य की सियासत धीरे-धीरे गरमा रही है। कांग्रेस की ओर से भी इस बार ज्यादा सीटों की मांग की जा रही है और इसे लेकर कांग्रेस और राजद में खींचतान शुरू हो गई है। पिछले दिनों राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में इस बार के विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें देने की मांग की गई। इस मांग के बाद राजद ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को राज्य में अपनी जमीनी हकीकत नहीं भूलनी चाहिए। इससे समझा जा सकता है कि चुनाव से पहले ही महागठबंधन में दरारें दिखने लगी हैं।
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