Trinamool Congress : प्रशांत किशोर को लेकर नई सियासी अटकलें, आखिर क्यों भवानीपुर की वोटर लिस्ट में दर्ज कराया नाम
Trinamool Congress :प्रशांत किशोर के भवानीपुर से वोटर बनने के बाद राज्य में सियासी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
Trinamool Congress : पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के भवानीपुर (Bhawanipur) से वोटर बनने के बाद राज्य में सियासी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। सियासी हलकों में चर्चा हो रही है कि क्या ममता बनर्जी प्रशांत किशोर को राज्यसभा भेजने की तैयारी तो नहीं कर रहीं? हालांकि अभी इस मुद्दे पर कोई भी नेता कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है तृणमूल कांग्रेस ने भी अभी इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर प्रशांत किशोर को लेकर कोई सियासी खिचड़ी जरूर पकती दिख रही है।
दरअसल, प्रशांत किशोर बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं । मगर हाल ही में वे भवानीपुर विधानसभा सीट के इलाके से वोटर बने हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भवानीपुर वही विधानसभा सीट है जहां 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में ममता बनर्जी अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतरी हैं। नंदीग्राम में मिली हार के बाद ममता बनर्जी का यहां से चुनाव जीतना जरूरी है, नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाएगी। प्रशांत किशोर के यहां से वोटर बनने के बाद सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
टीएमसी ने अभी तक नहीं खोले पत्ते
इस बाबत पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस के नेता भी खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय का कहना है कि किसी भी राज्य से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए उस राज्य का वोटर होना जरूरी है। उनका कहना है कि प्रशांत किशोर के मामले में उन्हें कुछ भी गलत नहीं दिखता। वे भारतीय नागरिक हैं। देश के किसी भी राज्य से वोटर बनने की पात्रता रखते हैं।
सौगत रॉय ने कहा कि मैं उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाए जाने की किसी भी योजना के बारे में नहीं जानता। लेकिन इतना जरूर है कि राज्यसभा सदस्य बनने के लिए उस राज्य का वोटर होना जरूरी है। प्रशांत किशोर को राज्यसभा भेजने की टीएमसी की योजना के संबंध में पूछे जाने पर रॉय ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ही कोई जानकारी दी जा सकती है।
एक राज्यसभा सदस्य ने हाल में दिया इस्तीफा
एक और दिलचस्प बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस की एक राज्यसभा सीट हाल ही में खाली हुई है। पार्टी नेतृत्व की ओर से निर्देश मिलने के बाद राज्यसभा सदस्य अर्पिता घोष ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। पार्टी की ओर से अर्पिता घोष से इस्तीफा लेने का कोई कारण नहीं बताया गया। पिछले सत्र के दौरान राज्यसभा में हुए हंगामे में अर्पिता घोष का नाम भी आया था । उस समय कहा जा रहा था कि इस कारण ही पार्टी नेतृत्व की ओर से अर्पिता घोष का इस्तीफा लिया गया है । मगर अब इसमें दूसरी कहानी समझ में आ रही है। अभी टीएमसी की ओर से इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है कि अर्पिता घोष की खाली सीट पर प्रशांत किशोर को भेजा जाएगा या नहीं । मगर प्रशांत किशोर के बंगाल से वोटर बनने के बाद सियासी चर्चाएं जरूर तेज हो गई हैं।
पीके की कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था। इस कंपनी को प्रशांत किशोर ने ही लांच किया था। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी की रणनीति बनाने में प्रशांत किशोर ने बड़ी भूमिका निभाई थी। भाजपा के धुआंधार प्रचार के बाद बंगाल में टीएमसी और भाजपा में कांटे का मुकाबला बताया जा रहा था मगर उस समय भी प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि भाजपा को 100 सीटें भी नहीं हासिल होंगी।
उन्होंने अपनी भविष्यवाणी गलत साबित होने पर चुनाव रणनीति बनाने का काम छोड़ देने की भी घोषणा कर दी थी। आखिरकार प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सच साबित हुई और भाजपा 77 के आंकड़े से आगे नहीं बढ़ सकी। विधानसभा चुनाव में कामयाबी के बाद टीएमसी ने आई-पैक के साथ अपने कांट्रैक्ट को रिन्यू कर लिया है। जानकारों का कहना है कि अब 2024 के लोकसभा चुनाव तक के लिए टीएमसी ने आई-पैक के साथ कांट्रैक्ट को रिन्यू किया है। हालांकि प्रशांत किशोर चुनावी रणनीति बनाने के काम से रिटायरमेंट की घोषणा कर चुके हैं।
चुनाव आयोग से जांच करने की मांग
प्रशांत किशोर के भवानीपुर से वोटर बनने पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा नेता राहुल सिंह ने मांग की है कि चुनाव आयोग को इस बात की जांच करनी चाहिए कि प्रशांत किशोर का नाम बिहार की वोटर लिस्ट से अभी तक कटा है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि अपने करियर को संवारने के लिए कोई भी महिला या पुरुष किसी एक शहर में सेटल होते हैं मगर कांट्रैक्चुअल लेबर की बात पहली बार सुनी जा रही है।
हालांकि पार्टी की ओर से प्रशांत किशोर के राज्यसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। हर किसी की नजर इस बात पर लगी है कि टीएमसी का शीर्ष नेतृत्व इस संबंध में क्या फैसला लेता है। दूसरी और प्रशांत किशोर की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उनके कांग्रेस में जाने की सियासी अटकलें भी लगती रही हैं। वैसे कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भी प्रशांत किशोर को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।