उद्धव सरकार का मुस्लिमों पर बड़ा एलान, जल्द दे सकती है ये तोहफा

महाराष्ट्र सरकार मुस्लिमों को एक बड़ा तोहफा देने का सोंच रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुआई वाली सरकार शिक्षा में मुस्लिमों को आरक्षण दे सकती है।

Update: 2020-02-28 10:28 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा एलान किया है। महाराष्ट्र सरकार अब मुस्लिमों को एक बड़ा तोहफा देने का सोंच रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुआई वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी राज्य सरकार शिक्षा में मुस्लिमों को आरक्षण दे सकती है। NCP नेता नवाब मलिक ने ये ऐलान किया।

शुक्रवार को विधान परिषद में NCP नेता ने बताया कि मुस्लिम समाज को आरक्षण दिया जाएगा। मलिक ने बताया कि सरकार इसके लिए अध्यादेश लाएगी। राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि पिछली सरकार (बीजेपी) ने शिक्षा में मुस्लिमों को पांच फीसदी आरक्षण नहीं दिया था। यह सरकार ऐसा करेगी।

जल्द ही लिया जाएगा फैसला

प्राप्त जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने से पहले ही मुस्लिमों को शिक्षा में पांच फीसदी आरक्षण दे सकती है। पिछली सरकार में अदालत का फैसला होने के बाद भी बीजेपी अध्यादेश नहीं लाई थी। अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि नौकरी में आरक्षण को लेकर कानूनी सलाह ली जा रही है और जल्द ही उस पर फैसला लिया जाएगा।

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कांग्रेस ने इस फैसले का समर्थन किया। कांग्रेस विधायक जिशान सिद्दीकी ने सरकार के इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि इससे मुस्लिम युवाओं को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। और आगे रोजगार के अच्छे अवसर भी मिल सकेंगे।

बीजेपी ने बताया राजनीतिक स्टंट

शिवसेना ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा जो भी फैसला लिया गया है शिवसेना उसमें साथ है। शिवसेना की तरफ से मंत्री अनिल परब ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण के संदर्भ में जो भी घोषणा की गई है वह महा विकास अघाड़ी का फैसला है और शिवसेना उस फैसले में साथ खड़ी है।

बीजेपी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। फैसले के बाद बीजेपी की तरफ से राम कदम ने कहा कि यह ऐलान सिर्फ महा विकास आघाड़ी का राजनीतिक स्टंट है।

कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने किया था ऐलान

2014 विधानसभा चुनाव से पहले जून महीने में प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार ने मुस्लिमों के लिए पांच फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी और इस संबंध में अध्यादेश भी जारी किया था। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट नहीं किया।

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पवार ने कहा कि समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय करते हैं तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है। NCP प्रमुख ने बताया कि NCP ने इस पर जोर दिया था कि राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग कल्याणकारी कार्य करने के लिए उनकी पार्टी को दिया जाना चाहिए।

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