UP Election 2022: ब्राम्हणों के सहारे आरक्षित सीटों को जीतना चाह रही है बसपा

UP Election 2022: विधानसभा चुनाव में सुरक्षित सीटों से हाथ धो चुकी बसपा इस बार इन सभी सीटों पर ब्राम्हण समाज की बैठकें कर इन सीटों पर अपनी मजबूती करने जा रही है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Shraddha
Update:2021-12-06 13:25 IST

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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर जहां भाजपा और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को मुख्य मुकाबले में माना जा रहा है वहीं 2007 में अपने दम पर सत्ता हासिल करने वाली बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) एक बार फिर सत्ता हासिल करने की कोशिश में ब्राम्हणों पर डोरे डालने का काम कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव (vidhan sabha chunav) में सुरक्षित सीटों से हाथ धो चुकी बसपा इस बार इन सभी सीटों पर ब्राम्हण समाज (brahman samaj) की बैठकें कर इन सीटों पर अपनी मजबूती करने जा रही है। मायावती अपने 2007 के प्रदर्शन को दोहराना चाहती हैं क्योंकि बसपा ने इनमें से 62 सीटें गैर-दलितों के समर्थन से जीती थीं।

हाल ही में पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र (General Secretary Satish Chandra Mishra) ने एक बैठक की जिसमें तय हुआ कि आठ दिसंबर से उनके नेतृत्व में बसपा की जनसभाएं प्रदेश के सभी मंडलों में आयोजित होगी। इन दिनों पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र अपनी पत्नी कल्पना मिश्र और बेटे कपिल मिश्र के साथ प्रदेश का दौरा कर रहे हैं।

जहां तक 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 86 सीटों में से बसपा ने सीतापुर के सिधौली और आजमगढ़ के लालगंज में ही जीत हासिल की थी। इनमें से 70 सीटें अकेले भाजपा ने जीती थीं। इससे पहले 2012 के चुनावों में, केवल 85 सीटें आरक्षित थीं (केवल अनुसूचित जाति के लिए) और बसपा केवल 15 सीटें ही जीत सकी। ये सीटें हैं रामपुर मनिहारन, पुरकाजी, नहटौर, हाथरस, आगरा कैंट, आगरा ग्रामीण, टूंडला, हरगांव, मोहन, महरौनी, नारायणी, मंझनपुर, कोरांव, बांसगांव और अजगरा सीट जीती थी। 1999 और 2004 के लोकसभा चुनावों में, पार्टी ने 17 में से केवल 5 सीटें जीतीं थीं और यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा सपा के साथ गठबंधन में 10 सीटें जीती। लेकिन इसमें वह नगीना और लालगंज की आरक्षित सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। जहां तक आरक्षित सीटों की बात है तो  2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यूपी की 80 में से 71 सीटें जीती थी और 17 आरक्षित सीटों में से एक पर भी बसपा नहीं जीत पाई।

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