योगी के मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी बोले- समय दीजिए, बिगड़ी व्यवस्था सही करेंगे
हमारा विभाग ग्रांट पर निर्भर है। ग्राम सभाएं स्वायत्त संस्थाए हैं। केंद्र के 14वें और राज्य के चौथे वित्त आयोग से पैसा आता है। यह धन कार्य योजना बनाकर खर्च किया जाता है।
लखनऊ: पूर्व पीएम राजीव गांधी ने के बार कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है लेकिन नीचे तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उत्तर प्रदेश का पंचायतीराज विभाग भ्रष्टाचार के इसी मापदंड पर चलता दिख रहा है। राज्य वित्त आयोग और केंद्र से अनुदान के रूप में ग्राम सभाओं तक करीब 11 हजार करोड़ रुपए पहुंचते हैं, लेकिन इस रकम की उपयोगिता सिर्फ कागजों में ही चमक बिखेर कर रह जाती है। घोटालेबाजों के कामों से यह झलकता भी है। राज्य भर में अंत्येष्टि स्थल बनने के साथ ही जर्जर हो चुके हैं। नियम-कानून को ताक पर रखकर जिला मुख्यालयों में बाबुओं तक को जिला पंचायतराज अधिकारी (डीपीआरओ) बनाया गया है। स्वच्छ भारत मिशन अपने मकसद तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रहा है। ऐसे ही मसलों पर 'अपना भारत' और Newstrack.com के संवाददाता राजकुमार उपाध्याय ने यूपी के पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भूपेंद्र सिंह चौधरी से बातचीत की।
अगली स्लाइड में पेश हैं उसके प्रमुख अंश ....
- विभाग की प्राथमिकताएं क्या हैं?
-हमारा विभाग ग्रांट पर निर्भर है। ग्राम सभाएं स्वायत्त संस्थाए हैं। केंद्र के 14वें और राज्य के चौथे वित्त आयोग से पैसा आता है। यह धन कार्य योजना बनाकर खर्च किया जाता है। गांवों के विकास मसलन-आरसीसी की सडक़ें, बिजली, इंडिया मार्का हैंडपम्प, सम्पत्तियों का रख-रखाव, नलों का रिबोर, साफ-सफाई आदि का काम किया जाता है। स्वच्छता अभियान पर काम किया जा रहा है। 31 दिसंबर तक गोरखपुर समेत गंगा और यमुना से लगे 30 जिलों और दो अक्टूबर 2018 तक पूरे प्रदेश को शौच मुक्त करना है। जनता ने हमें जनादेश दिया है। हमारी मंशा काम करने की है।
- क्या कोई कार्य योजना बनाई गई है?
-कार्य योजना बनाई गई है। तेजी से काम हो रहा है। गंगा से सटे अधिकंाश जिलों में हमने काम कर लिया है। अभी प्रदेश के 30 जिलों में एक शामली जिला खुले में शौच मुक्त हो गया है।
- जिला पंचायत राज अधिकारी के पदों पर ऐसे लोगों को बिठाया गया है जो पद की योग्यता नहीं रखते हैं?
-समय दीजिए, बिगड़ी हुई व्यवस्था सही करेंगे। एक-एक अपर मुख्य अधिकारी को चार-चार जिलों का चार्ज दिया गया। उनको बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जो आपने विषय रखा है उसमें कहीं न कहीं सच्चाई है। हम व्यवस्था को बदलने के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सब मामलों में भी कार्रवाई करेंगे और बिना भेदभाव के साथ आगे बढ़ेंगे। हमें भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, अराजकता के खिलाफ जनादेश मिला है। पार्टी और सरकार की प्राथमिकता में यह सब चीजें हैं। हमें काम करने का अवसर यानी समय मिलना चाहिए।
- अंत्येष्टि स्थलों की हालत ठीक नहीं है, कई ऐसी जगहों पर बने हैं, जहां लोग अंतिम संस्कार करना उचित नहीं समझते।
-सरकार के पास जिस जगह की शिकायतें आ रही हैं वहां के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्राथमिकता के आधार पर समय सीमा के अंदर सब कार्यों की जांच कराएं। जो दोषी हों, उन पर कार्रवाई करें। कार्रवाई के लिए समय भी सीमा तय की गई है।
- स्वच्छ भारत मिशन के घटकों में भ्रष्टाचार की वजह से तय लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत हो रही है।
-स्वच्छ भारत मिशन में बड़ा काम है और कई हिस्सों में है। शौचालय बनाने का काम है। उसके लिए लोगों को प्रशिक्षित करने काम है। लोगों को पता ही नहीं है कि उन्हें यह काम क्यों करना चाहिए। हम लोगों ने इसमें दिशा निर्देश जारी किए हैं। कुछ चीजें सामने आयी हैं, उन पर कार्रवाई करेंगे।
- जन सुनवाई में आए मामलों को हल कैसे करते हैं।
-जन सुनवाई में समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुनते हैं, संबंधित अधिकारियों से लिखित आग्रह करते हैं और जरूरत पडऩे पर फोन भी करते हैं।