UP Politics: शफीकुर्रहमान बर्क का उमड़ा मायावती प्रेम, क्या साइकिल छोड़ हाथी की सवारी करेंगे सपा सांसद ?
UP Politics 2023: संभल से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद बर्क ने कहा कि मायावती सुप्रीमो हैं और बहैसियत मुसलमान हम भी उन्हें वोट करते हैं। मैं भी उनकी पार्टी में रह चुका हूं।
UP Politics: साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में अभी एक साल से थोड़ा अधिक समय बचा हुआ है, लेकिन सियासी गतिविधियां धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। केसीआर अपनी राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च करने के बाद एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं, जिसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी शिरकत करेंगे। मगर उससे पहले सपा के वरिष्ठ सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मायावती की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। बर्क ने मायावती को देश की जरूरत बताते हुए कहा कि उन्होंने कौम के लिए बहुत काम किया है।
संभल से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद बर्क ने कहा कि मायावती सुप्रीमो हैं और बहैसियत मुसलमान हम भी उन्हें वोट करते हैं। मैं भी उनकी पार्टी में रह चुका हूं। मैं चुनाव जीता था और सपा चुनाव हार गई थी। मायावती एक शख्सियत हैं और देश को उनकी जरूरत है। बर्क का ये बयान ऐसे समय में आया है जब बसपा सुप्रीमो ने हाल ही में अपने जन्मदिन के मौके पर बड़ा सियासी ऐलान करते हुए कहा था कि आगामी चुनाव में वो किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने की बजाय अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगी।
क्या सपा से नाराज हैं बर्क
सियासी गलियारों में संभल सांसद के बयान को सपा से उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, तीन सांसदों वाली समाजवादी पार्टी ने लोकसभा में मुरादाबाद से सांसद डॉ एसटी हसन को सदन में सपा नेता बना दिया है। बर्क पार्टी के इस फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं। वह वरिष्ठता के मामले में हसन से कहीं अधिक सीनियर हैं।
इसके अलावा शफीकुर्रहमान बर्क मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से भी परेशान बताए जा रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में संभल लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में उन्हें बीजेपी के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2019 के आम चुनाव में उन्होंने बसपा – सपा उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी को बड़े अंतर से हरा दिया था। इसलिए
बसपा से सांसद रह चुके हैं बर्क
शफीकुर्रहमान बर्क एक जमाने में मायावती के करीब हुआ करते थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उस दौरान मायावती यूपी की सीएम हुआ करती थीं, तब उन्होंने बसपा के टिकट पर संभल से बर्क को मैदान में उतारा था। बर्क ने वह चुनावी लड़ाई जीत ली थी। ऐसे में एकबार फिर से उनके ह्रदय परिवर्तन की अटकलें जोरों पर है।