उपेन्द्र कुशवाहा बोले- SC और HC में लोकतंत्र नहीं, निजी क्षेत्र में भी मांगा आरक्षण

Update: 2018-08-26 06:32 GMT

पटना: राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग की है। आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उन्‍होंने इशारों में कहा कि यदुवंशी का दूध और कुशवंशी का चावल मिल जाए तो उत्तम खीर बन सकती है। वे बीपी मंडल जन्म शताब्दी समारोह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर इशारे ही इशारे में कुशवाहा ने दूरगामी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यहां काफी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग जुटे हैं। यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियों का चावल मिल जाए तो खीर बनने में देर नहीं लगेगी। लेकिन, यह खीर तब तक स्वादिष्ट नहीं होगी जब तक इसमें छोटी जाति और दबे-कुचले समाज का पंचमेवा नहीं पड़ेगा। यही सामाजिक न्याय की असली परिभाषा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीपी मंडल ने बिहार के विकास में बड़ा योगदान दिया। वे गरीबों के मसीहा थे और उनका बिहार हमेशा ऋणी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के कोलेजियम सिस्टम पर टिप्‍पणी करते हुए कहा कि इससे लोगों के अधिकार का हनन हो रहा है। इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में लोकतंत्र नहीं है। जज अपना उत्तराधिकारी चुनते हैं। दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब सवर्ण के मेधावी बच्चे जज नहीं बन सकते हैं। यह संविधान का उल्लंघन है।

कुशवाहा ने कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट को काफी समय बाद प्रधानमंत्री बीपी सिंह के कार्यकाल में लागू किया गया। मगर, अभी भी मंडल कमीशन की अनुशंसा पूरी तरह से लागू नहीं की गई।

आरक्षण के मसले पर उन्होंने कहा कि नौकरियां रहेंगी तब तो आरक्षण मिलेगा। सरकारी क्षेत्र में नौकरियां दिन पर दिन कम हो रही हैं। इसलिए निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की जरूरत है। सामाजिक, आर्थिक जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा ठीक नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर अच्छा नहीं है। इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए।

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