पैतरे बदलने लगे नौकरशाह, कोई खोज रहा कनेक्शन, तो कोई सावधानी बरतने की दे रहा सलाह

पत्र में जो खास बात है वो ये है कि इसे गलती की स्वीकारीति के तौर पर लिखा गया है। पत्र के अनुसार लखनऊ विकास प्राधिकारण से कहा गया है कि पुरानी कार्य संस्कृति को छोडा जाए और काम में पूरी सावधानी बरती जाए।

Update: 2017-03-17 12:59 GMT

लखनऊ: यूपी में सत्ता में बदलाव होते ही नौकरशाहों ने भी अब अपने पैंतरे बदलने शुरू कर दिए हैं। इनमें कुछ लोग नागपुर से अपना आरएसएस कनेक्शन खोज रहे हैं जबकि कुछ इस जोड़ घटाव में लगे हैं कि कैसे पिछली सरकार की तरह अच्छी पोस्टिंग मिल जाए।

सावधानी का पाठ

कुछ ऐसा ही प्रयास अपर मुख्य सचिव सदाकांत ने किया है। उन्होंने यूपी हाउसिंग कॉरपोरेशन के कमिश्नर, विकास प्राधिकरण के उपाघ्यक्षों और विशेष एरिया विकास प्राधिकरणों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है, कि निविदाओं को अभी अंतिम रूप देने से बचा जाए और भुगतान के बारे में पूरी सावधानी बरती जाए।

पत्र में जो खास बात है वो ये है कि इसे गलती की स्वीकारीति के तौर पर लिखा गया है। पत्र के अनुसार लखनऊ विकास प्राधिकारण से कहा गया है कि पुरानी कार्य संस्कृति को छोडा जाए और काम में पूरी सावधानी बरती जाए।

ये सभी लोग जानते हैं कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार सिंह की कार्यप्रणाली और उनके तरीके हमेशा सवालों में रहे हैं। वो यूपी के निवर्तमाल सीएम अखिलेश यादव के काफी करीबी रहे हैं।

स्वीकारोक्ति

दिलचस्प है कि सदाकांत हाउसिंग और शहरी विकास योजना विभाग के प्रमुख सचिव होने के नाते विकास प्राधिकरणों में कार्य संस्कृति में कोई सुधार नहीं करा सके। पत्र में सदाकांत स्वीकार करते हैं कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में सब कुछ ठीक नहीं है। लखनऊ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के बोलबाले के कारण जनता को होने वाली परेशानी किसी से ​छुपी नहीं है।

सदाकांत ने अपने पत्र की पति बीजेपी के कुछ नेताओं को भी भेजी है जो नौकरशाहों में चर्चा और हास्य का विषय बनी हुई है।

सदाकांत के खिलाफ केंद्र में भ्रष्टाचार का एक मामला ​लंबित है और वो यूपी के मुख्य सचिव होने के लिए बीजेपी नेताओं के लगातार सम्पर्क में रहते हुए लॉबिंग कर रहे हैं।

आगे स्लाइड में सदाकांत का पत्र....

 

 

 

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