Yogi Cabinet Minister: योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए दिनेश खटीक और सोमेंद्र तोमर, मेरठ के लोग चहके

Yogi Cabinet Minister: योगी मंत्रिमंडल में दलित समाज से आने वाले मेरठ के दिनेश खटीक और सोमेंद्र तोमर भी शामिल हैं।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-25 22:17 IST

दिनेश खटीक और सोमेंद्र तोमर। (Social Media)

Yogi Cabinet Minister: उत्तर प्रदेश में शु्क्रवार को योगी मंत्रिमंडल में पश्चिमी यूपी (West UP) के जिन छह विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है उनमें दलित समाज से आने वाले मेरठ के दिनेश खटीक (Minister Dinesh Khatik) और सोमेंद्र तोमर (Minister Somendra Tomar) भी शामिल हैं। खास बात यह है कि दोनों ही विधायक दूसरी बार जीतकर लखनऊ पहुंचे हैं। दोनों ही युवा हैं। बस अंतर इतना है कि दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) जहां दूसरी बार प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बने हैं वहीं सोमेन्द्र तोमर पहली बार राज्यमंत्री का स्वाद चखेंगे। इसके अलावा सोमेन्द्र तोमर पर जहां आपराधिक मामले शून्य हैं वहीं दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) पर 13 फरवरी, 2021 को वकील आत्महत्या प्रकरण में आइपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा सहित कुल चार मुकदमे हैं। मेरठ में उप निदेशक कृषि दफ्तर परिसर समेत कई स्थानों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह को दिखाने के लिए लगाई गई एलईडी पर मेरठ के सैंकड़ों लोगों ने जब मेरठ के मंत्रियों को शपथ लेते देखा तो लोग खुशी से झूम उठे।

योगी सरकार में दूसरी बार राज्यमंत्री बने दिनेश खटीक

शुरुआत करते हैं दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) से जो कि योगी सरकार में दूसरी बार राज्यमंत्री बने हैं। इससे पहले 26 सितंबर, 2021 को योगी मंत्रीमंडल के विस्तार में उन्हें मौका दिया गया था। उन्हें जलशक्ति व बाढ़ नियंत्रण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। दिनेश 2017 में पहली बार हस्तिनापुर से चुनाव लड़े और बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को बड़े अंतर से हराकर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार भी दिनेश का मुकाबला योगेश वर्मा से ही था। इस बार योगेश ने पाला बदला, वे गठबंधन के प्रत्याशी थे। दिनेश की जीत का अंतर इस बार घटा लेकिन उन्होंने इतिहास रचा।

हस्तिनापुर के बारे में अब तक यह भ्रांति थी कि कोई भी विधायक यहां से लगातार दो बार नहीं जीतता, लेकिन दिनेश ने इसे झुठलाया। मेरठ में मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। फिलहाल दिनेश खटीक मेरठ के गंगानगर इलाके में परिवार के साथ रह रहे हैं। दिनेश खटीक की तीन पीढ़ी संघ से जुड़ी रही है। उनके दादा बनवारी खटीक जनसंघी थे। पिता देवेंद्र कुमार भी आरएसएस से जुड़े थे। दिनेश 1994 में फलावदा के खंड कार्यवाह बने। इसके बाद विश्व हिदू परिषद, बजरंग दल के साथ ही भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे।

हस्तिनापुर को चंडीगढ़ की तर्ज पर किया विकसित: दिनेश खटीक

चुनाव के दौरान दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) ने कहा था कि देश और प्रदेश सरकार की ओर से हस्तिनापुर को चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। वह दिन दूर नहीं, जब महाभारत कालीन नगरी विकासशील कस्बों की श्रेणी में होगी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि यहां विकास की गंगा बहे। दिनेश खटीक ने कहा था कि पिछले तीन वर्षों में हस्तिनापुर विधानसभा में 442 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया। उन्होंने बताया कि पांच सड़कों का चौड़ीकरण कराया है। क्षेत्र के गन्ना किसानों के लिए गत तीन साल में 54 नए सेंटर दिलाए। जनता ने उनके वादों पर एक बार फिर भरोसा करके उन्हें विधायक बनाया है। अब देखना यही है कि दिनेश खटीक अपने वादों पर कितना खर्रा उतरते हैं जबकि वें एक बार फिर से प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री भी बन गये हैं।

दूसरी बार विधानसभा पहुंचे डा. सोमेंद्र तोमर

मेरठ दक्षिण (Meerut South) से दूसरी बार विधानसभा पहुंचे डा. सोमेंद्र तोमर (Somendra Tomar) ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। मेरठ की दक्षिण सीट से लगातार दो बार विधायक चुने जाने के बाद उन्हें योगी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बता दें कि सोमेंद्र तोमर (Somendra Tomar) ने 2003 में सीसीएसयू यूनिवर्सिटी से एम.फिल की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने सीसीएसयू यूनिवर्सिटी से ही पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। डॉ. सोमेंद्र तोमर (Somendra Tomar) को एम.आई.टी. द्वारा आयोजित भारतीय छात्र संसद के 8वें वार्षिक सम्मेलन में आदर्श युवा विधायी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) की तरह सोमेंद्र तोमर (Somendra Tomar) भी संघ से जुड़े रहे हैं। एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा में उन्होंने लंबे समय तक काम किया। 2012 में पहली बार सोमेंद्र को भाजपा ने टिकट दिया, लेकिन फिर बदल दिया गया।

बाद में 2017 में उन्हें टिकट मिला और त्रिकोणीय मुकाबले में बड़ी जीत दर्ज की थी। 2022 में उन्होंने गठबंधन प्रत्याशी आदिल चौधरी को हराया और इसी जीत का उन्हें राज्यमंत्री के तौर पर इनाम मिला है। मूल रूप में बागपत के खैली गांव के निवासी सोमेंद्र लंबे अरसे से मेरठ शहर के शास्त्रीनगर में रहते हैं। उनके पिता महेंद्र सिंह तोमर प्रधानाचार्य पद से रिटायर हैं। सोमेंद्र की एक पुत्री और दो पुत्र हैं। सोमेंद्र दो भाई, चार बहने हैं।

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