सुल्तानपुर: वरुण गांधी के संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। डॉक्टर अधिकारियों से हाथ मिलाकर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे, और मरीज अस्पताल से ख़ाली हाथ घर लौट रहे। जिले की कादीपुर सीएचसी इस हालत से दो चार है।
कादीपुर सीएचसी का मामला
सरकार जहां बड़े-बड़े दावे कर रही है कि पूर्व की सरकार से अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था सूबे में मरीजों को मिल रही है, वहीं कादीपुर सीएचसी पर तैनात डॉक्टर या महिला स्टाफ के न आने से दूरदराज से आए हुए मरीजों को इधर उधर भटकना पड़ रहा। मरीज के तीमारदार इलाज के लिए डॉक्टर का इंतजार करते नजर आते हैं, लेकिन क्या करें तीमारदार जब स्वास्थ्य व्यवस्था पूर्ण रूप से फ्लॉप हो चुकी है? वर्तमान समय में वायरल फीवर का प्रकोप चल रहा, लेकिन इन मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरके दास हफ्ते में सिर्फ दो ही दिन बैठते हैं, चिकित्सा अधीक्षक की मिलीभगत के कारण रजिस्टर पर एंट्री भी हो जाती है और तो और जब कादीपुर सीएससी का हाल जानने की कोशिश की गई तो उस चिकित्सा अधीक्षक डॉ नित्यानंद चौधरी को छोड़कर कोई भी डॉक्टर यहां पर नहीं पहुंचा था।
हद तो तब हो गई जब कादीपुर सीएससी पर तैनात महिला डॉक्टर प्रीति त्रिपाठी कादीपुर सीएससी पर एंट्री पहले होती है और वो आती बाद में हैं। डेंटल विभाग में ताला लटका हुआ है, एक्सरे रूम में तैनात x-ray टेक्निशियन मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाते हुए नजर आ रहे।
हॉस्पिटल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है, जबकि यहां पर 50 कर्मचारियों की तैनाती है लेकिन मौके पर लगभग 8 से 10 कर्मचारी ही आपको नजर आएंगे। संविदा पर तैनात सफाई कर्मचारी बैठकर वेतन ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के चलते हर महीने लगभग लाखों रुपए का घोटाला हो रहा है, और विभाग आंख मूंद कर बैठा है।
बोले जिम्मेदार...
जब इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने कई बार डॉक्टर आरके दास को रोज बैठने को कहा लेकिन उनकी आदत प्राइवेट प्रैक्टिस की जो बन चुकी है। वह स्वयं का नर्सिंग होम अंबेडकर नगर जनपद में चलाने में मशगूल है, जब रजिस्टर मंगाकर देखा गया तो डॉ नित्यानंद चौधरी ने आनन-फानन में डॉक्टर दास को एप्सेन्ड किया।
इस संबंध में मीडिया कर्मियों द्वारा सीएमओ सीबीएन त्रिपाठी से फोन पर वार्ता की गई और यहां पर हमेशा गायब रहने वाले डॉक्टर दास के बारे में जानकारी करना चाहा तो सीएमओ ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया जिम्मेदारी चिकित्सा अधीक्षक की है, आप चिकित्सा अधीक्षक से बात कर ले।