इस राज्यपाल के पहुंचने पर नहीं खुला विधानसभा का गेट, गुस्से में दिया धरना
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य विधानसभा के द्वार संख्या तीन के सामने इंतजार करना पड़ा क्योंकि राज्यपाल के प्रवेश के लिए मुख्य द्वार बंद था।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य विधानसभा के द्वार संख्या तीन के सामने इंतजार करना पड़ा क्योंकि राज्यपाल के प्रवेश के लिए मुख्य द्वार बंद था। इससे नाराज होकर वे धरने पर बैठ गये।
बाद में उन्होंने मीडियाकर्मियों और अधिकारियों के प्रवेश के लिए फाटक संख्या चार से विधानसभा में प्रवेश किया। उन्होंने इस घटना को देश के लोकतांत्रिक इतिहास के लिए शर्मनाक बताया।
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राज्यपाल धनखड़ ने संवाददाताओं से कहा कि गेट नंबर तीन बंद क्यों है? मेरी पूर्व सूचना के बावजूद गेट बंद है। विधानसभा स्थगित होने का मतलब इसका बंद होना नहीं है। विधानसभा के नियमों के अनुसार द्वार संख्या तीन राज्यपाल के प्रवेश और निकास के लिए तय है।
धनखड़ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी को पत्र लिखकर सुविधाएं देखने और पुस्तकालय का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अचानक ही दो दिन के लिए पांच दिसंबर तक स्थगित कर दिया था।
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अध्यक्ष ने मंगलवार को विधानसभा में कहा था कि जो विधेयक पेश किए जाने थे उन्हें अभी तक राज्पाल की ओर से अनुमति नहीं मिली है, इसलिए विधेयक पेश नहीं हो पाए।
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