Captain Amarinder Singh: राजीव गांधी के करीबी दोस्त रहे हैं अमरिंदर सिंह, जानिए उनके राजनीतिक सफर के बारे में
कैप्टन ने पहली बार सन 1980 में लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के आर्मी एक्शन के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके तुरंत बाद वे अकाली दल से जुड़े और तलवंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर अपना राजनैतिक करियर आगे बढ़ाया।
नई दिल्ली: कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) पंजाब की राजनीति के एक पुराने खिलाड़ी रहे। वे राज्य के 26वें मुख्यमंत्री रहे। लेकिन अब मुख्यमंत्री पद से विदाई हो गई है। अमरिंदर सिंह को राजनीति में राजीव गांधी लाये थे। राजीव गांधी के विश्वस्तों की रुखसती में अब कैप्टन का नाम भी जुड़ गया है।
कैप्टन ने पहली बार सन 1980 में लोकसभा चुनाव जीता। लेकिन 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के आर्मी एक्शन के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके तुरंत बाद वे अकाली दल से जुड़े और तलवंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर अपना राजनैतिक करियर आगे बढ़ाया। अकाली दल से चुनाव जीतने के बाद वे पंजाब सरकार में कृषि और वन मंत्री बने।
कैप्टन की अकाली दल में ज्यादा नहीं बनी और 1992 में उन्होंने उसे छोड़ दिया। अपनी एक पार्टी शिरोमणि अकाली दल बनायी। ये पार्टी कुछ ख़ास न कर सकी ।विधानसभा में बुरी तरह पिट गयी। खुद कैप्टन अपने चुनाव क्षेत्र से सिर्फ 856 वोट ही पा सके। यह हाल देख कर कैप्टन ने अपनी पार्टी को 1998 में कांग्रेस के साथ मिला दिया। इसके बाद उन्हें उसी साल पटियाला से ही पुनः करारी हार मिली।
कांग्रेस ने इसके बावजूद उनपर भरोसा बनाये रखा और 1999 में उन्हें पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। 2002 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 2010 से सन 2013 तक वे पुनः पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।
कैप्टन पंजाब विधानसभा में पांच बार सदस्य रहे। जिसमें तीन बार पटियाला एक बार समाना और एक बार तलवंडी सोबो से चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे। 2014 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन ने भाजपा के खिलाफ भारी जीत दर्ज की थी।
27 नवम्बर ,2015 को कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के हाथ में 2017 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की बागडोर थमा दी जिसके बाद मार्च 2017 में कांग्रेस पार्टी ने इनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव जीता। 16 मार्च,2017 को कैप्टन ने पंजाब के छब्बीसवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
निजी जीवन
अमरिंदर सिंह का जन्म 11 मार्च,1942 को पटियाला शहर में हुआ था। इनके पिता यादविंद्र सिंह पटियाला पुलिस में इंस्पेक्टर जनरल थे। वे दूसरे विश्व युद्ध के समय इटली और बर्मा भी गये थे। अमरिंदर की माता का नाम का नाम महारानी मोहिंदर कौर था। अमरिंदर सिंह की शिक्षा मशहूर वेल्हम बॉयज स्कूल और लॉरेन्स स्कूल सनावर से हुई। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अमरिंदर सिंह ने देहरादून के दून स्कूल की ओर रुख किया। वहाँ से आगे की पढ़ाई की। बाद में नेशनल डिफेन्स अकादमी और इंडियन मिलिट्री स्कूल ज्वाइन किया। 1963 में अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना ज्वाइन की और 1965 में भारत- पाक युद्ध में योगदान दिया। उस दौरान वे सिक्ख रेजिमेंट में कैप्टन थे।
कैप्टन का परिवार
अमरिंदर सिंह की पत्नी का नाम प्रनीत कौर है, जो लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। वे 2009 से 2014 के बीच विदेश मंत्रालय में काम भी कर चुकी हैं। अमरिंदर सिंह की बहन हेमिंदर कौर की शादी भूतपूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह से हुई। अमरिंदर सिंह का एक बेटा रनिंदर सिंह और एक बेटी जय इन्दर सिंह है, जिसकी शादी दिल्ली के व्यापारी गुरपाल सिंह से हुई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह राजनीति के साथ लेखन कार्य भी करते हैं और युद्ध तथा सिख इतिहास के विषय में बहुत कुछ लिखा है।