Amritpal Singh: भगोड़े अमृतपाल के खतरनाक मंसूबे, 'मिनी संसद' पर कब्जे की साजिश...पत्नी किरणदीप से सवाल-जवाब
Amritpal Singh: पंजाब का भगोड़ा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के खतरनाक इरादे सामने आए हैं। कनाडा में आराम की जिंदगी जीने वाला अमृतपाल पंजाब में अलग देश की मांग कर रहा था।
Amritpal Singh : खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) के मुखिया अमृतपाल सिंह को लेकर आज (23 मार्च) को बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है अमृतपाल सिंह की नजर सिखों की 'मिनी संसद' कहें जाने वाले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee) यानी एसजीपीसी पर थी। वह SGPC पर कब्जा करने की फ़िराक में था।
पंजाब पुलिस के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, अमृतपाल ने इसके लिए पूरी तरह से प्लानिंग कर रखी थी। पता तो ये भी चला है कि अमृतपाल 'अमृत संचार' (Amrit Sanchar) के नाम पर युवाओं को अपने साथ लगातार जोड़ रहा था। दरअसल, वह अमृत संचार के नाम पर अपना वोट बैंक तैयार कर रहा था। फ़िलहाल मामले की जांच में जुटे अधिकारियों के अनुसार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) पर कब्जा करने का मकसद यह था कि वह खालिस्तानी मूवमेंट (Khalistani Movement) को एसजीपीसी के जरिए चला सके।
अमृतपाल की पत्नी किरणदीप से पूछताछ
पंजाब पुलिस (Punjab Police) का अमृतपाल सिंह पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। उसके परिचित के ठिकानों और करीबियों पर लगातार छापेमारी जारी है। पुलिस ने अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर, पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर से भी पूछताछ की। इस दौरान, कई अहम बातें सामने आई हैं। हालांकि, तीनों लोगों ने विदेशी फंडिंग (Foreign Funding) के आरोपों को नकार दिया है। पुलिस ने अमृतपाल के घर जाकर किरणदीप कौर से विदेशी फंडिंग को लेकर करीब 40 मिनट तक सवाल-जवाब किए। इस टीम के तीन अधिकारियों में एक महिला अधिकारी भी थी।
क्या बताया अमृतपाल की पत्नी ने?
किरणदीप ने पुलिस को बताया है कि अमृतपाल और उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। खालिस्तान को लेकर दोनों की विचारधारा एक जैसी ही थी। इसलिए दोनों के संबंध गहरे होते चले गए। 10 फरवरी को दोनों ने शादी कर ली। किरणदीप से सवाल किया गया कि वो क्या काम करती हैं? कब से 'वारिस पंजाब दे' संगठन से जुड़ी हैं? और कब-कब इस संगठन के लिए पैसे जुटाए गए?
कुरुक्षेत्र में छिपा था अमृतपाल, सहयोगी ने खोले राज
अमृतपाल सिंह मामले में पंजाब पुलिस (Punjab Police) को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली। अमृतपाल का खास सहयोगी गोरखा बाबा गिरफ्तार हो गया है। साथ ही, अमृतपाल सिंह के बारे में ताजा सूचना ये है कि पंजाब से फरार होने के बाद 19 से 21 मार्च तक वो हरियाणा के कुरुक्षेत्र में छिपा था। कहा ये भी जा रहा है कि अमृतपाल सिंह देश में ही है। अभी वो देश से बाहर नहीं गया है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के 8 राज्यों में छिपे होने की आशंका है।
अमृतपाल के 11 साथी न्यायिक रिमांड पर
इस बीच, भगोड़े अमृतपाल सिंह के 11 साथियों को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा बकाला की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सभी 11 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अमृतपाल सिंह से संबंधित एक मामले में अमृतसर के बाबा बकाला कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को 14 दिन के न्यायिक रिमांड (judicial remand) पर भेजा है।
SGPC का सदस्य बनने की तैयारी में था
आपको बता दें कि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सिख धर्म का प्रचार-प्रसार किया जाता है। हाल के वर्षों में SGPC पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) का कब्जा रहा है। अमृतपाल सिंह का मंसूबा बादल समर्थकों और विरोधियों को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरने का था। इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अमृतपाल सिंह ने एसजीपीसी का सदस्य बनने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने 'खालसा वहीर' निकालने की तैयारी कर ली थी।
नशा छुड़ाने के नाम पर युवाओं को जोड़ रहा था
इतना ही नहीं अमृतपाल पंजाब के युवाओं को नशा छुड़ाने के नाम पर अपने साथ जोड़ रहा था। उसकी ये कोशिश रंग भी ला रही थी। जांच में सामने आया है कि वह युवाओं को एक टूल किट की तरह इस्तेमाल कर रहा था। ये सबको पता है कि पंजाब में नशा कितनी बड़ी समस्या है। जिसकी आड़ में वो अपने मंसूबों को अंजाम देना चाह रहा था।
जमा धन से ख़रीदा हथियार
जांच में ये भी पता चला है कि 'अमृत संचार' कार्यक्रमों के माध्यम से अमृतपाल ने करोड़ों रुपए इकठ्ठा किए। अमृतपाल सिंह ने बिना कोई हिसाब दिए व्यक्तिगत तौर पर जमा धन का इस्तेमाल किया। कहा जा रहा है इन पैसों का इस्तेमाल हथियारों की खरीद-फरोख्त के अलावा और कहां-कहां किया गया इसकी जांच जारी है। दरअसल, वो खालिस्तानी मूवमेंट को आगे बढ़ाने में जुटा था।