हाईकमान ने नामंजूर किया सिद्धू का इस्तीफा, मनाने में जुटे पार्टी नेता, चन्नी कैबिनेट की आपात बैठक आज

Navjot Singh Sidhu Ka Istifa: पार्टी हाईकमान ने अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। साथ ही राज्य के नेताओं को आपसी मतभेद सुलझाने का निर्देश दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2021-09-29 08:51 IST

Navjot Singh Sidhu Ka Istifa: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में छिड़े सियासी घमासान के बीच पार्टी हाईकमान ने अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। पार्टी नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को आपसी मतभेद सुलझाने का निर्देश दिया है। इस बीच पटियाला में सिद्धू के घर पर देर रात तक बैठकों का दौर चलता रहा। इन बैठकों में सिद्धू के इस्तीफे से पैदा हुई सियासी स्थितियों पर विस्तृत चर्चा की गई।

दूसरी ओर सिद्धू के कई समर्थकों ने अपने पदों से इस्तीफा देकर संकट और बढ़ा दिया है। वैसे सिद्धू के कई समर्थक उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इन समर्थकों का कहना है कि सिद्धू उसूलों की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में सभी कांग्रेस जनों को उनका साथ देना चाहिए।

सियासी जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh Ka Istifa) के इस्तीफे के बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस का संकट (Congress Crisis) दूर हो गया है मगर पार्टी और गहरे संकट में फंसती दिख रही है। नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) सिर्फ दिखावे के मुख्यमंत्री नहीं बने रहना चाहते। उनके कई फैसले सिद्धू को नागवार गुजरे हैं। इसी कारण सिद्धू ने अचानक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद (Punjab Congress President) से इस्तीफा देकर पार्टी में नया संकट खड़ा कर दिया है। 

नेताओं को मतभेद सुलझाने का निर्देश

जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रदेश अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे को ठुकरा दिया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पहले राज्य स्तरीय नेताओं को अपने मतभेद सुलझाने होंगे। पार्टी हाईकमान के इस रुख से माना जा रहा है कि नेतृत्व चाहता है कि राज्य कांग्रेस के नेता आपसी बातचीत के जरिए मतभेद सुलझाने की कोशिश करें। राज्य स्तरीय नेताओं की बातचीत से मतभेद नहीं सुलझेंगे तब पार्टी हाईकमान की ओर से इस मामले में दखल दिया जाएगा।

शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस्तीफा नामंजूर किए जाने के बाद अभी सिद्धू ने इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। सियासी हलकों में सिद्धू के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है। अगर सिद्धू इस्तीफा वापस लेने को तैयार हो गए तो बातचीत के जरिए समाधान का कोई रास्ता निकाला जा सकता है। 

बैठक करते चरणजीत सिंह चन्नी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

चन्नी ने बुलाई आपात बैठक

इस बीच मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने उन फैसलों का बचाव किया है जिन्हें लेकर सिद्धू नाराज बताए जा रहे हैं। पंजाब के सियासी हालात पर चर्चा करने के लिए चन्नी ने आज कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सिद्धू के इस्तीफे से पैदा हुए हालात पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री चन्नी इस मुद्दे पर अपने कैबिनेट सहयोगियों की राय जानना चाहते हैं।

हालांकि पंजाब के कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने सिद्धू के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सिद्धू को उसूलों का नेता बताया है। कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण सुल्ताना इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। सुल्ताना पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी है। मुस्तफा मौजूदा एक समय में सिद्धू के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

सिद्धू के घर पर जुटे समर्थक

पंजाब के सियासी हालात पर चर्चा करने के लिए सिद्धू के आवास पर देर रात तक बैठकों का दौर चलता रहा। सिद्धू के घर पर पहुंचने वाले नेताओं में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा, इंद्रवीर सिंह बुलारिया, कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, रजिया सुल्ताना और उनके पति मोहम्मद मुस्तफा शामिल थे। मुस्तफा ने सोमवार को ही कैप्टन पर तंज कसते हुए कहा था कि अब सिद्धू की अगुवाई में पंजाब में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल होगी।

सिद्धू के आवास पर चली समर्थकों की बैठक में क्या फैसला लिया गया है, इसका खुलासा नहीं हो सका है। जानकारों का कहना है कि सिद्धू के समर्थक उन्हें मनाने में जुटे रहे। हालांकि सिद्धू ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सिद्धू खेमे से जुड़े मंत्रियों का कहना है कि गलतफहमियों की वजह से राज्य में संकट पैदा हुआ है। इन मंत्रियों ने जल्द ही विवाद सुलझा लेने का संकेत भी किया है।

कैप्टन समर्थकों की फ्लोर टेस्ट की मांग

इस बीच पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने सिद्धू पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह क्रिकेट का मैदान नहीं है और सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान के भरोसे को तोड़ा है। भरोसे को तोड़ना उचित बात नहीं है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक विधायक भी सक्रिय हो गए हैं। कैप्टन के समर्थक विधायकों ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा सियासी हालात में बहुमत का परीक्षण किया जाना जरूरी है ताकि यह पता लग सके कि मुख्यमंत्री चन्नी को कितने विधायकों का समर्थन हासिल है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कैप्टन का बड़ा फैसला लेने का संकेत

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में दिए जा रहे इस्तीफों को ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के सियासी हालात पर मेरी पूरी नजर है। मैं जल्द ही बड़ा फैसला लूंगा। सिद्धू के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया जताते हुए कैप्टन का कहना है कि मैंने पहले ही कह दिया था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं है। बॉर्डर वाले राज्य पंजाब में वह पूरी तरह अनफिट हैं। मालूम हो कि कैप्टन के विरोध को दरकिनार करते हुए कांग्रेस हाईकमान की ओर से सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।

पंजाब कांग्रेस के लिए आज का दिन अहम

सियासी जानकारों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के लिए बुधवार का दिन काफी अहम होगा। मुख्यमंत्री चन्नी की ओर से बुलाई गई कैबिनेट बैठक पर भी सबकी नजर है। दूसरी ओर हाईकमान की ओर से इस्तीफा नामंजूर किए जाने के बाद सिद्धू की प्रतिक्रिया का भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। सिद्धू के कई समर्थक विधायकों ने उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग की है और कहा है कि सिद्धू ही पंजाब कांग्रेस को चुनाव में जीत दिला सकते हैं।

सिद्धू के इस्तीफे के कारण दिल्ली से लेकर पंजाब तक तक सियासी हलचलें काफी तेज हैं। कांग्रेस के विधायक दो खेमों में बंटे दिख रहे हैं। इस मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह के रुख का भी इंतजार किया जा रहा है। यदि अमरिंदर सिंह कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो कांग्रेस में दो फाड़ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।   

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