Punjab Election 2022: डेरा सच्चा सौदा पर टिकी निगाहें, सभी राजनीतिक दल के नेता थोक वोट बटोरने की उम्मीद में लगा रहे चक्कर

Punjab Election 2022: डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फरलो मिलने के बाद बठिंडा के सलाबतपुरा डेरे में हलचल तेज हो गई है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-02-15 10:58 IST

डेरा सच्चा सौदा (फोटो-सोशल मीडिया)

Punjab Election 2022: पंजाब में डेरे चुनाव के समय जबर्दस्त महत्व रखते हैं, और राज्य में शायद ही ऐसा कोई गांव या कस्बा होगा जहां डेरों का प्रभाव नहीं है। अब पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की रोहतक जेल से छुट्टी के राजनीतिक मतलब भी निकाले जा रहे हैं। राम रहीम और उनके डेरे ने पहले भी राजनीतिक दलों का समर्थन किया है और पंजाब के मालवा क्षेत्र में उसका काफी प्रभाव है। राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा द्वारा 18 फरवरी को कोई चुनावी ऐलान किये जाने की संभावना है।

हर चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेता थोक वोट बटोरने की उम्मीद में डेरों के चक्कर लगाते हैं। इस बार के चुनावों से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी के सौजन्य से सचखंड बल्लन सबसे अधिक बार परिक्रमा किये जाने वाले डेरों में से एक बन गया है।

जालंधर जिले के भोगपुर कस्बे के पास बल्लान गांव के बाहरी इलाके में स्थित इसके विशाल परिसर का लगभग सभी नेताओं ने बार-बार दौरा किया है. चन्नी ने इस डेरे में एक रात भी बिताई, जिसमें डेरा बल्लन के बहुसंख्यक (रविदास दलित) अनुयायी के साथ अपने समुदाय की संबद्धता को प्रदर्शित किया गया था।

एक इशारा बदल सकता है चुनाव का रुख

डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फरलो मिलने के बाद बठिंडा के सलाबतपुरा डेरे में हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले कुछ दिनों में यहां एक बड़ा आयोजन होने वाला है। क्योंकि यहाँ बहुत तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है।

हालांकि डेरे ने पंजाब चुनाव में किसी पार्टी को समर्थन देने पर कुछ नहीं कहा है लेकिन डेरों के अनुयायी कहते हैं कि बहुत जल्द इस पर फैसला हो जाएगा। मालवा की अधिकतर सीटों पर इस डेरे का काफी प्रभाव है।

डेरा प्रमुख के समधी हरमिंदर जस्सी के समर्थन का ऐलान होते ही हर ब्लाक से संगत तलवंडी साबो हलके में प्रचार के लिए पहुंच रही है। डेरा प्रेमी पंजाब की कांग्रेस सरकार से भी काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि बेअदबी मामले में उनको शामिल किया गया था।

डेरा प्रबंधक सुरजीत सिंह ने कहा है कि अभी तक सिर्फ डेरा प्रमुख के संमधि हरमिंदर जस्सी के समर्थन के लिए प्रेमियों को चुनाव प्रचार करने के लिए कहा है। इसके अलावा और किसी भी उम्मीदवार या पार्टी के लिए कोई मैसेज नहीं दिया गया। जैसे ही इस बारे डेरा की राजनीतिक विंग का फैसला आएगा उसका पालन किया जाएगा।

पंजाब की 117 में से 56 सीटों पर डेरे का प्रभाव है। यहां से प्रत्याशियों की जीत-हार में अनुयायियों की बड़ी भूमिका रहती है। हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत में भी डेरा सच्चा सौदा ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी। यहां भाजपा ने डेरे को पूरा समर्थन दिया था। डेरा का दावा है कि राज्य में उसके लाखों अनुयायी हैं।

डेरा सच्चा सौदा के राजनीतिक समिति के सदस्य राम सिंह इंसान ने कहा है कि - मुक्तसर, बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर, फाजिल्का, बरनाला, संगरूर, मोगा, पटियाला, लुधियाना आदि क्षेत्रों में मालवा में हमारे अनुयायियों का एक बड़ा आधार है। दोआबा और माझा के फगवाड़ा, तरनतारन, अमृतसर, होशियारपुर, जालंधर जिलों में हमारे अनुयायी हैं। मालवा क्षेत्र में फिरोजपुर, बठिंडा, मुक्तसर, संगरूर, मनसा, पटियाला, बरनाला, फरीदकोट, मोगा, लुधियाना और मोहाली जिले शामिल हैं।

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