Anandiben Patel: राष्ट्र का विकास उसके शिक्षा केन्द्रों में होता है, बोली राज्यपाल

Punjab News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब के दीक्षान्त समारोह में कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा सभी के लिए सस्ती और सुलभ होनी चाहिए।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Update:2022-06-08 21:53 IST

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल। (Social Media)

Punjab News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) कल 9 जूनको उत्तर प्रदेश के 09 कुलपतियों के साथ पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ का भ्रमण करेंगी। इस दौरान पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और छात्रावासों के अलावा विश्वविद्यालय की व्यवस्था, एल्युमनी हाउस, बोटैनिकल गार्डन, होटल मैनजेमेंट, शोध प्रयोगशालों और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित विभिन्न परिसरों का भी अवलोकन करेंगी। इस दौरान वे वहां के छात्रों से शोध और नवाचार में किए जा रहे प्रयोगों के बारे संवाद भी करेंगी।

शिक्षा सभी के लिए सस्ती और सुलभ होनी चाहिए: आनंदीबेन

वहीं, आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने आज चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब के दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा सभी के लिए सस्ती और सुलभ होनी चाहिए। यह तभी सम्भव है जब शिक्षा में नवाचार और शोध के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के प्रयास किये जाये।

किसी भी राष्ट्र अथवा सभ्यता का विकास उसके शिक्षा केन्द्रों में होता है: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र अथवा सभ्यता का विकास उसके शिक्षा केन्द्रों में होता है। विशेष रूप से विश्वविद्यालय राष्ट्र की सतत् विकासशील, चिन्तनशील-वैश्विक संवेदना एवं सम्पन्न अन्तर-आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय 50 अन्य विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने और राज्य के विश्वविद्यालयों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है, जिनमें गुजरात के विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।

पंजाब तथा चण्डीगढ़ के सभी निजी विश्वविद्यालयों में पहला स्थान प्राप्त किया: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि देश के युवा दुनिया को बदलने और एक राष्ट्र के रूप में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सक्रिय रूप से काम करें। उच्च लक्ष्य रखें, खुद को अपने उज्ज्वल भविष्य और राष्ट्र के निर्माण के लिए समर्पित करें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के तहत कार्यान्वयन योग्य पेटेंट को अधिक महत्व देना चाहिए और यह तभी सम्भव है, जब उद्योगों और संस्थानों के बीच शोध परिणामों को लेकर बेहतर सामंजस्य हो। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के दस वर्षों से भी कम समय में एशिया और भारत के सभी निजी विश्वविद्यालयों में सातवां स्थान और पंजाब तथा चण्डीगढ़ के सभी निजी विश्वविद्यालयों में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय उद्योग जगत के लिए एक पसंदीदा संस्थान बनकर उभरा है।

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