नए अवतार में दिखेगा जलियांवाला बाग, पंजाब CM का बयान, कहा- बाग को दुरुस्त करवाना था जरूरी
जलियांवाला बाग के नवीनीकरण पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे शहीदों का अपमान बताया तो वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि बाग को दुरुस्त करवाना जरूरी था।
Punjab News: जलियांवाला बाग के नवीनीकरण पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे शहीदों का अपमान बताया तो वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि बाग को दुरुस्त करवाना जरूरी था। कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जलियांवाला बाग के उद्घाटन समारोह में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग के नए अवतार को राष्ट्र को समर्पित किया था। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि जलियांवाला बाग में हजार से ज्यादा लोग शहीद हुए जबकि सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 488 लोगों के शहीद होने के प्रमाण हैं। कैप्टन ने जलियांवाला बाग स्मारक को नौजवानों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बताया था और कहा था कि यह स्मारक हमारी भावी पीढ़ियों को लोकतांत्रिक ढंग से शांतिपूर्ण रोष प्रकट करने के अधिकारों की याद दिलाता रहेगा।
शहादत का अर्थ न जानने वाले कर सकते हैं ऐसा अपमान: राहुल गांधी
इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि जो शहादत का अर्थ नहीं जानता, वही इस तरह का अपमान कर सकता है। राहुल गांधी ने बाग में किए गए बदलाव के बारे में एक ट्वीट कर उसमें एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसके अनुसार यहां बदलाव के नाम पर इतिहास को नष्ट कर दिया गया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा। हम इस अशोभनीय क्रूरता के खिलाफ हैं। एक अन्य ट्वीट में राहुल ने कहा कि जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष नहीं किया, वे उन लोगों को नहीं समझ सकते, जिन्होंने ये संघर्ष किया है।
डेढ़ साल बाद खुला जलियांवाला बाग
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ साल बाद जलियांवाला बाग को आम जनता के लिए खोला था। शहीद स्मारक पर 20 करोड़ रुपये खर्च कर नया रूप दिया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीनीकृत परिसर का उद्घाटन किया था। बाग में 4 नई गैलरियां बनाई गई हैं। एक थिएटर का निर्माण भी किया गया है।
जलियांवाला बाग के अंदर कुएं के चारों तरफ गैलरी बनाई गई है। इसकी सुरक्षा के लिए कांच लगाया है। कुएं से कुछ आगे शहीदी स्मारक को भी नया रूप दिया गया है। अंग्रेजों की क्रूरता की गवाह रहीं गोलियों के निशानों को भी स्मारक पर संरक्षित किया गया है। नए थिएटर में एक बार में 80 सैलानी प्रवेश कर सकेंगे। जलियांवाला बाग नरसंहार पर विशेष डिजिटल डॉक्यूमेंट्री तैयार की गई है, जो 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेजी सेना की गोलियों से शहीद लोगों पर केंद्रित है।
गैलरी में दर्शाया गया पंजाब के इतिहास
जलियांवाला बाग में निर्मित एक गैलरी में पंजाब के इतिहास को दर्शाया गया है, जिसमें अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की जानकारी नई पीढ़ी को मिलेगी। दूसरी गैलरी में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए अत्याचार और पंजाब के शूरवीरों की बहादुरी को दर्शाया गया है। एक गैलरी में अंग्रेज सैनिकों द्वारा गोलियों का शिकार बनाने के किस्से दर्शाए हैं तो दूसरी में जनरल डायर और ऊधम सिंह से जुड़ी तस्वीरें हैं। शहीद भगत सिंह से जुड़े रोचक चित्र भी यहां हैं।
बेकसूरों पर बरसाई थीं 1650 राउंड गोलियां
जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर के निर्देश पर अंग्रेजी सेना ने 10 मिनट में 1650 राउंड गोलियां चलाकर हजार से ज्यादा लोगों को मार दिया था। इनमें छह साल के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शहीद हुए थे।