Rajasthan Politics: कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मंत्री पर की आरोपों की बौछार
Rajasthan Politics: पिछले दो – ढ़ाई सालों से कांग्रेस में छिड़ी अंदरूनी घमासन को लेकर लगातार सुर्खियों में रहा है। ऐसे कई मौके आए जब पड़ोस के मध्य प्रदेश और दक्षिण के कर्नाटक की तरह यहां भी ऑपरेशन लोटस की खबरें खूब हवा में तैरीं। सचिन पायलट को राजस्थान का ज्योतिरादित्य सिंधिया तक बताए जाने लगा।
Rajasthan Politics: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा होने हैं। लेकिन ये राज्य पिछले दो – ढ़ाई सालों से कांग्रेस में छिड़ी अंदरूनी घमासन को लेकर लगातार सुर्खियों में रहा है। ऐसे कई मौके आए जब पड़ोस के मध्य प्रदेश और दक्षिण के कर्नाटक की तरह यहां भी ऑपरेशन लोटस की खबरें खूब हवा में तैरीं। सचिन पायलट को राजस्थान का ज्योतिरादित्य सिंधिया तक बताए जाने लगा। लेकिन कांग्रेस ने इन सब मुश्किलों से पार पाते हुए सरकार बचा ली मगर नेताओं के आंतरिक मतभेद अब भी जस के तस बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे के बीच चल रही वर्चस्व की जंग के बीच राज्य के एक और दिग्गज कांग्रेसी सियासी घराने की नेता अपने तेवर को लेकर सुर्खियों में हैं। राजस्थान कांग्रेस की तेजतर्ऱार नेत्री और विधायक दिव्या मदेरणा इन दिनों विपक्षी यानी बीजेपी की बजाय अपनी ही सरकार से उलझती नजर आ रही हैं। उन्होंने गहलोत सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
अपनी ही सरकार के मंत्री पर लगाया गंभीर आरोप
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल पर उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य ठप करने का आरोप लगाया है। बकौल मदेरणा उनकी विधानसभा ओसियां में पिछले चार साल में एक भी सड़क का निर्माण नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में 44 सड़कों का निर्माण होना था, मगर मंत्री शांति धारीवाल ने राजनीतिक बदला लेने के लिए उन्हें निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वो वीरांगनाओं और महिलाओं के हक में बोल रही थीं, इसलिए दो दिन के अंदर में उनके क्षेत्र में प्रस्तावित विकास कार्यों को रद्द कर दिया गया।
दिव्या ने सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी
विधायक दिव्या मदेरणा सरकार पर ये आरोप लगाते हुए मंत्री शांति धारीवाल पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि जो धारीवाल आलाकमान को चुनौती देते हैं, वो मंत्री कैसे रह सकते हैं। वो खुद को और कांग्रेस नेताओं को डुबा रहे हैं। वीरांगना मंजू जाट और सुंदरी देवी का अपमान किया गया जो कि सही नहीं है। उन्होंने इसे लेकर ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर मंत्री धारीवाल पर निशाना साधा है।
13 मार्च को शांति धारीवाल जी ने मंजू जाट के चरित्र पर अंगुली उठाई,15 मार्च को मैंने कहा हम मंजु जाट के ख़िलाफ़ कुछ नहीं सुनेंगे।16 मार्च को पुनः स्पष्टीकरण में अपनी बात से मुकरे कि मैंने कभी मंजू जाट पर एक शब्द नहीं कहा Video देख ले और उसी दिन मैंने पुनः उनके वक्तव्य की निंदा करी pic.twitter.com/5c2UjqIBRh
— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) March 17, 2023
मालूम हो कि राजस्थान की राजनीति में दिव्या मदेरणा को सचिन पायलट के खेमे का और मंत्री शांति धारीवाल को सीएम अशोक गहलोत के खेमे का नेता माना जाता है। पाटलट के सीएम और गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के अटकलों के दौरान बागी विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में शांति धारीवाल के घर पर ही बैठक की थी। जिसे लेकर खूब बवाल हुआ था। वहीं, दिव्या मदेरणा के परिवार का अशोक गहलोत के साथ सियासी दुश्मनी पुरानी है।
कौन हैं दिव्या मदेरणा ?
पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची दिव्या मदेरणा राजस्थान कांग्रेस की तेजतर्रात और युवा जाट नेता के तौर पर उभरी हैं। वह अपने परिवार से राजनीति में आने वाली तीसरी पढ़ी हैं। उनके दादा परसराम मदेरणा की एक समय राजस्थान की राजनीति में तूती बोलती थी। 1998 में वह मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार के तौर पर भी उभरे थे लेकिन ‘जादूगर’ अशोक गहलोत ने उनसे ये मौका छिन लिया और मदेरणा को विधानसभा अध्यक्ष बनकर संतोष करना पड़ा। कहा जाता है कि यहीं से मदेरणा परिवार और गहलोत के बीच अदावत शुरू हो गई।
परसराम मदेरणा के जीते जी उनके बेटे महिपाल मदेरणा सक्रिय राजनीति में आ चुके थे। साल 2008 की अशोक गहलोत सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी बने। लेकिन चर्चित ‘भंवरी देवी कांड‘ के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें सीबीआई ने अरेस्ट भी किया था। 17 अक्टूबर 2021 को उनका देहांत हो गया। महिपाल को भी सीएम पद के प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जाता था। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी लीला मदेरणा परंपरागत ओसियां सीट से मैदान में उतरीं लेकिन परिवार के इस गढ़ में अबकी बार उन्हें बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
बताया जाता है कि मां की हार का बदला लेने ही इंग्लैंड में पढ़ीं दिव्या मदेरणा ने चुनावी राजनीति में एंट्री मारी और 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने बीजेपी विधायक को पटखनी देते हुए पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया। मदेरणा के करीबियों की मानें तो वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं।