कोरोना के बीच ट्रेंड कर रहा रोटी-पराठा, जानिए क्या है पूरा मामला

अभी तक देश में कोरोना कोरोना हो रहा था कि इसी बीच एकाएक रोटी-पराठा ट्रेंड करने लगा। आमतौर पर पराठे को रोटी की तरह ही मानते हैं। जहां रोटी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, वहीं पराठे को

Update: 2020-06-12 14:17 GMT

बेंगलुरु: अभी तक देश में कोरोना कोरोना हो रहा था कि इसी बीच एकाएक रोटी-पराठा ट्रेंड करने लगा। आमतौर पर पराठे को रोटी की तरह ही मानते हैं। जहां रोटी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, वहीं पराठे को 18 फीसदी रखने का आदेश सरकार ने दे दिया है। सोशल मीडिया पर आज कर्नाटक सरकार काफी सुर्खियों में है। लोग चटखारे लेकर कर्नाटक सरकार के एक डिसीजन पर डिस्कस कर रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने रोटी पर 5% और पर पराठा पर 18% वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगा दिया है। इस आदेश में कर्नाटक सरकार ने कहा है कि रोटी और पराठे में पर्याप्त अंतर है। इसलिए टैक्स में भी अंतर होगा।जैसे ही लोगों को इस खबर का पता लगा सोशल मीडिया पर रोटी-पराठा ट्रेंड करने लगा। लोग अब इस पर जमकर मजे ले रहे हैं। इसमें बिजनेसमेन आनंद महिंद्रा ने भी चुटकी ली।

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जानें पूरा मामला...

एक याचिका दायर कर मांग की गई थी कि मालाबार पराठे को ‘खाखरा, चपाती या रोटी’ की श्रेणी में घोषित किया जाए। लेकिन अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (कर्नाटक पीठ) ने याचिकाकर्ता की इस मांग को खारिज कर दिया। जीएसटी नोटिफिकेशन के शेड्यूल 1, एंट्री 99 ए के तहत रोटी पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।पीठ ने रोटी और पराठे पर अलग-अलग जीएसटी लगाने का फैसला दिया, कि रोटी पहले से ही बना-बनाया या पूरी तरह से पका हुआ उत्पाद है, जबकि पराठा को खाने के लिए परोसने से पहले गरम करना पड़ता है।

इन्होंने कहा-

इसपर में आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, 'अभी देश जब कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो यह बात आपको चकित कर सकती है कि हम पराठे को लेकर चिंतित हैं। जिस तरह से जुगाड़ का कौशल है, मुझे पक्का यकीन है कि कोई परोटीज का एक तीसरी श्रेणी तैयार कर लेगा।

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गलुरू की आईडी फ्रेश फूड (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ऐसे रेडी टु कुक भोजन जैसे इडली, डोसा, पराठा, दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थ सप्लाई करने का काम करती है कंपनी ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि गेहूं से बने पराठे और रोटी पर एक समान जीएसटी दर लगाने का आदेश दिया जाए।

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