कोरोना ईयर में डेटिंग एप बना युवाओं का सहारा, छोटे शहरों से आए 3 करोड़ नए यूजर्स

कोरोना महामारी की वजह से युवाओं को घरों में रहने के लिए मजबूर किया गया तो उनके सामने सबसे बड़ा संकट अपनी फ्रेंड सर्किल छूटने के तौर पर आया।

Update: 2021-01-19 04:07 GMT
कोरोना ईयर में डेटिंग एप बना युवाओं का सहारा, छोटे शहरों से आए 3 करोड़ नए यूजर्स (PC: social media)

अखिलेश तिवारी

लखनऊ: कोरोनावायरस की वजह से पिछले साल लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था ने युवा वर्ग को अकेलेपन का शिकार बना दिया है ऐसे में बड़ी तादाद में युवाओं ने डेटिंग एप का सहारा लेना शुरू कर दिया है जहां वह अपना नया मित्र संसार तैयार कर रहे हैं हाल यह है कि लखनऊ जैसे छोटे शहरों से बीते साल में तीन करोड़ 10 लाख से ज्यादा नए यूज़र डेटिंग एप पर जुड़ चुके हैं। डेटिंग एप पर आने वाले इन यूजर्स में ज्यादातर अपनी मौजूदा लाइफ को बोर बता रहे हैं।

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कोरोना महामारी की वजह से युवाओं को घरों में रहने के लिए मजबूर किया गया

कोरोना महामारी की वजह से युवाओं को घरों में रहने के लिए मजबूर किया गया तो उनके सामने सबसे बड़ा संकट अपनी फ्रेंड सर्किल छूटने के तौर पर आया। अपनी आयु वर्ग के लोगों के साथ सहसंबंध बरकरार रखने ख्वाहिश में युवाओं को वर्चुअल वर्ल्ड में मित्रों की तलाश के लिए मजबूर कर दिया सोशल मीडिया के मौजूदा ऐप से हटकर युवाओं ने डेटिंग एप का सहारा लेना शुरू कर दिया है। डेटिंग एप कंपनियों का मानना है कि युवाओं को यहां भावी जीवन साथी के साथ ही अपने स्टेटस के दूसरे मित्र भी मिल रहे हैं इस वजह से बड़ी तादाद में युवाओं ने डेटिंग एप की ओर रुख किया है।

लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था से बोर हो चुके हैं

मुंबई दिल्ली बेंगलुरु पुणे जैसे शहरों से लौटकर छोटे शहरों में अपने घरों तक पहुंचे युवाओं ने डेटिंग एप का सहारा इसलिए भी लिया कि उन्हें अपने आसपास रहने वाले ऐसे युवाओं के बारे में जानकारी मिल सके जो उनके जैसे ही प्रोफाइल में बड़े शहरों में रहकर काम कर रहे हैं ऐसे मित्रों की तलाश में डेटिंग एप पर आने वाले युवाओं की तादाद भी अच्छी खासी है लेकिन बड़ी तादाद ऐसे युवाओं की भी है जो लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था से बोर हो चुके हैं। डेटिंग एप कई युवाओं ने अपने स्टेटस में इस तरह के संदेश भी लिख रखे हैं जो कोरोना को डेटिंग एप हटाने का कारण बता रहे हैं। कई युवाओं ने लिखा है कि forced here because of COVID. Only here because of COVID. Bored to death because of COVID and therefore here.

डेटिंग एप कंपनियों में 2019 के दौरान छोटे शहरों से बढ़े यूजर्स को लेकर अपना डाटा जारी किया है इसके अनुसार लखनऊ आगरा मेरठ बरेली वाराणसी प्रयागराज गोरखपुर कानपुर अयोध्या मुरादाबाद भोपाल ग्वालियर इंदौर झांसी रायपुर रांची पटना धनबाद मुजफ्फरपुर जम्मू राजकोट विजयवाड़ा जैसे अनेक शहरों से लाखों की तादाद में युवाओं ने डेटिंग एप पर ज्वाइन किया है। बीते साल में आंकड़ा तीन करोड़ 10 लाख से भी ज्यादा ने यूजर्स पर पहुंच गया है।

पहले के मुकाबले में बीते साल ऐसे शहरों से 7 गुना तक ज्यादा यूजर्स की वृद्धि हुई है

कंपनियों का दावा है कि पहले के मुकाबले में बीते साल ऐसे शहरों से 7 गुना तक ज्यादा यूजर्स की वृद्धि हुई है। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि युवा अपने आसपास में ऐसे दोस्त तलाश रहे हैं जिनसे उसी शहर में मुलाकात की जा सके। डेटिंग एप पर जुड़ने वाले युवाओं में लगभग 70 फ़ीसदी पुरुष हैं जबकि महिलाओं की संख्या बेहद कम है। इसकी वजह छोटे शहरों से जुड़ने वाले यूजर्स का आश्चर्यजनक व्यवहार है। बेंगलुरु की आईटी कंपनी में काम करने वाली रंजना ने बताया कि लखनऊ में आकर उन्होंने डेटिंग एप ज्वाइन किया तो उन्हें अपने आसपास से ऐसे बेहूदे संदेश आने शुरू हो गए जो डेटिंग एप की गंभीरता को कम करते हैं।

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छोटे शहर के लोगों की मानसिकता महिलाओं को लेकर बेहद अजीबोगरीब है। वह डेटिंग एप पर जीवनसाथी की तलाश करने के बजाए कुछ समय का रिश्ता बनाने में ज्यादा उत्सुक दिखाई दिए। इस वजह से उन्होंने डेटिंग एप को बाय बाय कर दिया है लेकिन अच्छे मित्रों की तलाश अभी जारी है। सोशल मीडिया पर उनके मित्र मौजूद हैं और जहां तक भावी जीवनसाथी का मामला है तो उन्होंने इसे परिवार वालों पर छोड़ दिया है।

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