नीतीश का जाति प्रेम: इसलिए मिला RPC सिंह को मौका, अब ये फेल होंगे या पास ?

आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस अफसर रह चुके है। वहीं नीतीश का साथ मिला तो वह बिहार प्रशासनिक सेवा और फिर राजनीति तक पहुँच गए।

Update: 2020-12-27 16:09 GMT

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और लम्बे समय से जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे नीतीश कुमार ने अपने करीबी रहे आरसीपी सिंह को पार्टी जिम्मेदारी संभालने के लिए चुना है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार की जगह आरसीपी सिंह को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है। वजह दोनों का एक जगह से आना और एक जाति का होना भी माना जा सकता है।

कौन है आरसीपी सिंह:

आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस अफसर रह चुके है। वहीं नीतीश का साथ मिला तो वह बिहार प्रशासनिक सेवा और फिर राजनीति तक पहुँच गए।नीतीश सरकार में प्रमुख सचिव के पद पर रहे। आईएएस अफसर के रूप में उन्होंने नीतीश के कार्यकाल के दौरान कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी। यही कारण है कि नौकरशाह के रूप में भी आरसीपी सिंह को नीतीश का काफी भरोसेमंद अफसर माना जाता था और बाद में नीतीश कुमार ही उन्हें सियासत की दुनिया में लेकर आए। आरसीपी सिंह को जदयू से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया और वे राज्यसभा सांसद बनने में कामयाब हुए।

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आरसीपी सिंह पर उमड़ा नीतीश का जाति प्रेम

यहां एक बात जान लेना जरूरी है कि आरपीसी सिंह नीतीश के इतना करीबी और भरोसेमंद यूँ हीं नहीं बन गए। दोनों एक दूसरे को 25 सालो से जानते है। पहली बार दोनों सम्पर्क में आये, साल 1996 में। उस समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सेक्रेटरी के तौर पर आरसीपी सिंह को पोस्टिंग मिली थी। नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच दोस्ती हुई।

दोनों की दोस्ती की एक वजह दोनों का एक ही जनपद से होना रहा। नितीश और आरसीपी सिंह नालंदा के मुस्तफापुर के रहने वाले हैं। एक अहम बात ये भी है कि दोनों ही जाति में कुर्मी हैं। एक जाति होना उनकी दोस्ती में मजबूती लाने जैसा और नीतीश ने शायद इसी जाति प्रेम में आरसीपी सिंह को सियासत तक पहुंचा दिया।

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नीतीश के करीबियों को पार्टी और सरकार में मौका, जीतन राम मांझी एक उदारहण

नीतीश कुमार अपने करीबियों पर काफी मेहरबान रहते हैं। कहा जाता है कि पार्टी में हो या सरकार में नीतीश अपने करीबियों को मौके पर मौके देते हैं। जीतन राम मांझी इसका एक उदाहरण हो सकते हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया था। वहीं आरपीसी सिंह को प्रशासनिक सेवा से राजनीती में लाने के साथ ही उनकी बेटी और चर्चित आईपीएस अधिकारी, जो कि लेडी सिंघम के नाम से मशहूर है, लिपि सिंह को भी बिहार में पोस्टिंग दिलवाई।

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