'ब्लैक टॉप' से जीत पक्की: भारत-चीन के लिए सबसे ख़ास इलाका, ये है वजह...

चीनी सेना ने लद्दाख में पैंगौंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ब्लैक टॉप पोस्ट पर कैमरा और सर्विलांस सिस्टम लगाया था, जिस पर अब भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया है।

Update: 2020-09-01 13:42 GMT
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नीलमणि लाल

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के नापाक इरादों को नाकाम करते हुए ‘ब्लैक टॉप पोस्ट’ पर कब्जा कर लिया है। 29-30 अगस्त की रात चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी जिसका जवाब देते हुए भारतीय सेना ने न सिर्फ न ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा कर लिया, बल्कि चीनी सेना के कैमरे और सर्विलांस उपकरणों को भी उखाड़ फेंका। दरअसल, चीनी सेना ने लद्दाख में पैंगौंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ब्लैक टॉप पोस्ट पर कैमरा और सर्विलांस सिस्टम लगाया था, जिस पर अब भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया है।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण

ब्लैक टॉप पोस्ट सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्यों कि यहाँ से घाटी पर निगरानी की जा सकती है। ये एक पहाड़ी पर स्थित चौकी है। भारतीय क्षेत्र में स्थिर इस महत्वपूर्ण चौकी पर चीन ने कब्जे की कोशिश की थी क्योंकि इससे चीनी सेना को रणनीतिक बढ़त मिल जाती। भारतीय सैनिकों ने ऊंचाई पर मोर्चा सम्‍भाल लिया है, जहां से वह इस पूरे इलाके को नियंत्रण कर सकते हैं।

चीन ने लगाए थे हाईटेक कैमरे

चीनी सेना ने भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ब्लैक टॉप पोस्ट पर हाईटेक कैमरे व सर्विलांस इक्विपमेंट लगाए थे। चीनी सेना ने एलएसी पर भारतीय सैनिकों की गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से नजर रख रखने के लिए ऐसे उपकरण लगाए थे।

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पैंगोंग झील

मई महीने से ही पूर्वी लद्दाख का पैंगोंग झील इलाका विवाद का बड़ा केंद्र रहा है। इसका पूरा क्षेत्र करीब 600 वर्ग किलोमीटर है। झील के करीब दो-तिहाई हिस्से पर चीन का कब्जा है और करीब 45 किमी का हिस्सा भारत के अधीन है। ताजा विवाद पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में है। यह विवादित एरिया ब्लैक टॉप पहाड़ी के नजदीक है, जो चुशूल से 25 किमी पूर्व में है। ब्लैक टॉप के पीछे ही फिंगर-4 और फिंगर-8 हैं। फिंगर-4 पर भी चीन की सरकार और सेना अपना कब्जा बताती रहती है।

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भारत के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण इलाका

पैंगोंग झील का दक्षिणी इलाका भारत के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां भारतीय सेना का कब्जा है। हमेशा से यहां भारतीय सेना की मौजूदगी ज्यादा रही है। 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी दोनों हिस्सों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था और भारत को शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

मगर, अब भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके में उन जगहों पर खुद को स्थापित कर लिया है जहां से जरूरत पड़ने पर चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया जा सकता है। भारत ने पिछले कुछ महीनों में चुशूल के पास स्थित स्पांगुर पास पर टी-90 टैंक यानी भीष्म टैंक स्थापित कर दिए हैं।

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