अयोध्या आंदोलन में इस कांग्रेस नेता की थी बड़ी भूमिका, जानिए योगदान
यह वह नेता है जिन्होंने सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर उनसे मथुरा काशी और अयोध्या मंदिर हिन्दुओं को देने की बात कही थी। प्रदेश में कांग्रेस की चंद्रभानु गुप्त सरकार (1962-67) में स्वास्थ्य मंत्री रहे दाऊदयाल खन्ना एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थें।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। रामजन्मभूमि विवाद से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक न जाने कितने साधु संतो और नेताओं ने राममंदिर को लेेकर संघर्ष किया है लेकिन इनमें एक ऐसे नेता भी है जिनकेे बारे बहुत कम लोग जानते होगें। यह वह नेता है जिन्होंने सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर उनसे मथुरा काशी और अयोध्या मंदिर हिन्दुओं को देने की बात कही थी। प्रदेश में कांग्रेस की चंद्रभानु गुप्त सरकार (1962-67) में स्वास्थ्य मंत्री रहे दाऊदयाल खन्ना एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थें।
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मुरादाबाद में जन्मे दाऊदयाल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थें
मुरादाबाद के प्रसिद्ध खन्ना परिवार में नवंबर १९१० में जन्मेें दाऊदयाल खन्ना बाल्यकाल से ही देश भक्ति के उन्माद में सदैव आगे रहते थें। छात्र जीवन के दौरान ही दाऊदयाल खन्ना महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आए और उनके साथ असहयोग आंदोलन में कूद पड़े। स्वतंत्रता की लड़ाई में १९३१ व् १९३२ में सत्याग्रह आंदोलन में और इसके बाद १९४१ व् १९४२ में भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने जेल यात्रा की। साथ ही ने निरंतर चार वर्ष जेल में रहकर यातनाएं भी सही।
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नगर पालिका सदस्य रहते गौहत्या पर प्रतिबन्ध लगवाया
इस संकट काल में उनकी माता श्रीमती मनोहरी देवी व धर्म पत्नी श्रीमती महारानी खन्ना ने धैर्य और बहादुरी से परिवार का संचालन किया और खन्ना के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी रही। सन १९३५ में दाऊदयाल खन्ना मुरादाबाद नगर पालिका के सदस्य चुने गए। भारत के इतिहास में पहली बार उनके ही प्रयास से मुरादाबाद नगर पालिका ने गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाया गया। खन्ना कांग्रेस के सक्रिय व् कर्मठ सदस्य के रूप में सन १९७४ तक उत्तर प्रदेश विधान सभा और विधान परिषद् के निर्वाचित सदस्य रहे। वह २५ वर्ष अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और उत्तर प्रदेश पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे।
राममंदिर का सपना संजोये हिन्दू जागरण मंच के बैनर तले हिन्दू सम्मलेन कराया
राम मंदिर के निर्माण का सपना दाऊ दयाल खन्ना के श्री रामजन्म भूमि मुक्ति यज्ञ समिति के कारण ही संभव हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता दिनेश त्यागी जी के साथ सबसे पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस मुद्दे को उठा कर पूरे देश में सनसनी पैदा कर दी थी.। आरएसएस के एक कार्यकर्ता दिनेश त्यागी इसके संयोजक बने.। इसके बाद हिन्दू जागरण मंच के बैनर तले १९८३ में मुजफ्फरनगर में एक हिन्दू सम्मलेन आयोजित किया। इस विशाल सम्मलेन में हिन्दू धर्म स्थलों श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या, श्री कृष्ण जन्म भूमि मथुरा एवं काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी को हिन्दू समाज को सौंपने के सम्बन्ध में ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा गया जो सर्वसम्मति से पारित हुआ था।
धर्म स्थल रक्षा समिति के संयोजक रहे दाऊ दयाल खन्ना
खन्ना धर्म स्थल रक्षा समिति के संयोजक रहे। मुजफ्फरनगर के बाद 1983 में राजधानी लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में एक रैली का आयोजन किया गया इसके बाद से ही इस मुद्दे ने जन आंदोलन का रूप ले लिया।
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