फाइजर की वैक्सीन के ये हो सकते हैं साइड इफ़ेक्ट, जान लीजिए जरूरी बातें

फाइजर कम्पनी की कोरोना वैक्सीन ब्रिटेन में लोगों के लगना शुरू हो चुकी है और अमेरिका में अगले सप्ताह से टीकाकरण शुरू हो जाएगा। लेकिन इस बीच वैक्सीन के साइड एफेक्ट सामने आये हैं।

Update: 2020-12-13 03:38 GMT
कोरोना वायरस फाइजर वैक्सीन, हो सकते हैं इसके साइड इफ़ेक्ट

लखनऊ: फाइजर कम्पनी की कोरोना वैक्सीन ब्रिटेन में लोगों के लगना शुरू हो चुकी है और अमेरिका में अगले सप्ताह से टीकाकरण शुरू हो जाएगा। लेकिन इस बीच वैक्सीन के साइड एफेक्ट सामने आये हैं।

फाइजर वैक्सीन से गंभीर एलर्जी और आंशिक लकवा के केस सामने आए हैं। ब्रिटेन में सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि जिन लोगों में किसी चीज से तरह की कोई एलर्जी है तो वे वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर से मशविरा जरूर करें। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन के ट्रायल में भी गंभीर साइड एफेक्ट के केस आये हैं।

चेहरे पर लकवा

अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे तो दी गई है लेकिन एफडीए के नियामकों ने अब बताया है कि वैक्सीन के ट्रायल के दौरान चार वालंटियर्स को 'बेल्स पाल्सी' डेवलप हो गई थी। इस अवस्था में आधे चेहरे को लकवा मार जाता है। नियामकों का कहना है कि अभी ये स्पष्ट तौर पर पता नहीं चल है कि ये किस वजह से हुआ था। एहतियात के तौर पर सभी डॉक्टरों को कहा गया है कि वे वैक्सीन लगाए जाने के बाद लगातार साइड इफेक्ट्स की निगरानी करते रहें।

इसके अलावा ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने चेतावनी जारी की है कि जिन लोगों में किसी दवा, खाद्य पदार्थ या वैक्सीन के प्रति गंभीर एलर्जी की हिस्ट्री रही है वो फाइजर की वैक्सीन न लगवाएं। ब्रिटेन में कुछ लोगों में वैक्सीन लगने के बाद गंभीर एलर्जी पैदा हुई है इसलिए ये चेतावनी जारी की गई।

फाइजर की वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण का हिस्सा बननेवाली कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर ने क्रिस्टेन चोई कहा है अगस्त में उसे प्रायोगिक वैक्सीन की दो डोज दी गई। दूसरे डोज के बाद उसे सिर दर्द, मतली, कंपकपी और 105 डिग्री का बुखार भी हो गया। लेकिन उसके लक्षण 24 घंटे के अंदर चले गए। नर्स का कहना है कि साइड इफेक्ट्स इम्यून सिस्टम से प्राकृतिक रिस्पॉन्स है।

फाइजर के अमेरिका में ट्रायल के डाटा के मुताबिक करीब 19 हजार लोगों को इंजेक्शन देने पर 137 लोगों में साइड इफेक्ट दिखे थे जबकि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की बात करें, तो करीब 24 हजार लोगों पर परीक्षण के दौरान सिर्फ 3 लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट देखे गए थे।

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सभी वैक्सीन में होते हैं साइड इफ़ेक्ट

अब तक दुनिया में जितनी भी वैक्सीन बनी हैं उनके ट्रायल के दौरान भी लोगों पर साइड इफेक्ट दिखे हैं और वैक्सीनेशन के बाद भी। लेकिन ज्यादातर साइड इफेक्ट गंभीर नहीं होते हैं बल्कि शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया होते हैं। दरअसल, आमतौर पर वैक्सीन तैयार होने में सालों लगते हैं मगर कोरोना के केस में महज कुछ महीनों में वैक्सीन तैयार की गई है। इस जल्दबाजी में भी ट्रायल के दौरान सुरक्षा संबंधी हर पहलू का ध्यान रखा गया है, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद हर शख्स पर वैक्सीन का कैसा असर होगा, यह परखने में काफी वक्त लगता है और इसी वक्त के दौरान उन सभी लोगों पर करीबी निगरानी रखी जाती है जिनको वैक्सीन दी जाती है। भारत में ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन जिनको भी दी जायेगी उनमें से हर व्यक्ति की 30 मिनट तक निगरानी की जायेगी कि कहीं उसमें कोई साइड इफ़ेक्ट तो नहीं आ रहा है।

नील मणि लाल

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