लॉकडाउन के बावजूद हाॅटस्पाॅट क्यो हुए सील, जानें वजह....

राज्य में पहले से ही 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है और लोगों को घरों में रहने को कहा गया है, ऐसे में सील लगाने का क्या मतलब है?

Update: 2020-04-08 14:52 GMT

लखनऊ: कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 15 जिलों के 22 क्षेत्रों सील कर दिया। इन जिलों को बतौर कोरोना हॉटस्पॉट चिन्हित कर पूरी तरीके से आज रात 12 बजे से सील करने का एलान किया गया। ध्यान देने वाली बात ये हैं कि राज्य में पहले से ही 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है और लोगों को घरों में रहने को कहा गया है, ऐसे में सील लगाने का क्या मतलब है?

लॉकडाउन और सील में फर्क

उत्तर प्रदेश में लागू लॉकडाउन के बीच सीलिंग लगाने के फैसले के फायदे या जरूरत को जानने से पहले ये जान लें कि आखिर दोनों में फर्क किया है।

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क्या है लॉकडाउन का मतलब?

सबसे पहले हम आपको लॉकडाउन का मतबलब बताते हैं। लॉकडाउन एक ऐसी आपातकालीन (Emergency) व्यवस्था है, जो सरकार द्वारा लागू की जाती है। लॉकडाउन किसी आपदा या फिर महामारी के चलते लगाई जाती है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। लोगों को सिर्फ जरुरी सामान जैसे दवा और खाने-पीने की चीजें खरीदने के लिए ही बाहर निकलने की इजाजत होती है। इस दौरान वे बैंक से पैसे निकालने भी जा सकते हैं।

क्षेत्र सील का मतलब:

ये भी लॉकडाउन की तर्ज पर ही होता है लेकिन इसमें जरुरी सामान के लिए भी आप क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकते है और न हीं कोई बाहरी उस क्षेत्र में प्रवेश कर सीता है , जहां सील किया गया हो। उस क्षेत्र को पुलिस की निगरानी में रखा जाता है। कोरोना वायरस के तहत क्षेत्रों को सील करने का मतलब है कि उक्त क्षेत्र में कोरोना के मरीजों या संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में संक्रमण को राज्य के अन्य क्षेत्रों तक पहुँचने से रोकने के लिए सील किया जाता है।

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हालाँकि लॉक डाउन भले ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ही होता है लेकिन ये बड़े भौगोलिग स्तर का होता है और इसमें जरुरी नहीं कि लॉकडाउन के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्र संक्रमितों से सम्बंधित ही हो।

लॉकडाउन ने सील करने की जरूरत क्‍या

दरअसल 25 मार्च से लॉक डाउन घोषित है, यानी जरूरी सामान लेने बाहर जा सकते हैं। फल, सब्जियां, राधन, दूध, दवाइयों के लिए बाहर जाने की इजाजत होती है। इमरजेंसी सर्विसेज चलती रहती हैं। मगर बेवजह घरों से निकलने पर कानूनी रोक है। ऐसे में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही रहा और प्रदेश के कई क्षेत्रों में संक्रमण फ़ैल गया।

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अब सरकार के इस फैसले के बाद चिन्हित क्षेत्रों के सबकुछ सील कर दिया गया। लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी है। दूध-राशन के लिए भी नहीं। सब दुकानें बंद करा दी गईं। डोर-टू-डोर स्‍क्रीनिंग शुरू की गई। संदिग्‍ध लोगों के सैंपल लिए गए। हर पॉजिटिव केस की कॉन्‍ट्रैक्‍ट ट्रेसिंग हुई ताकि कोई छूट ना जाए।

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