यूपी में लोक गीतों की होगी वापसी, योगी सरकार करने जा रही ये काम
यूपी की योगी सरकार पहली बार ऐसा काम करने जा रही है जो इसके पहले कभी नहीं हुआ। दरअसल अब उन गीतों को एकत्र किया जाएगा जो हमारी संस्कृति से लुप्त होते जा रहे हैं।
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार पहली बार ऐसा काम करने जा रही है जो इसके पहले कभी नहीं हुआ। दरअसल अब उन गीतों को एकत्र किया जाएगा जो हमारी संस्कृति से लुप्त होते जा रहे हैं। ये गीत गांवों में अक्सर सुनने को मिलते हैं। भविष्य में ये गीत कहीं लुप्त न हो जाए इसके लिए योगी सरकार एक अभिनव प्रयोग करने जा रही हे। प्रदेश में लुप्त हो रहे ऐसेे गीतों की सूची बनाकर उनकी फिर से मार्केंटिग की जाएगी।
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लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की सूची बनायी जाये
पर्यटन संस्कृति एवं धर्माथ कार्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 नीलकंठ तिवारी ने उप्र संगीत नाटक अकादमी के अधिकारियों से कहा है कि प्रदेश में लुप्त हो रहे संस्कार गीतों की सूची बनायी जायें। उन्होंने कहा है कि सोहर, विवाह गीत, विदाई, गाली गीत, छठ, पिडिया, मुंडन, द्वार पूजा गीत तथा विभिन्न त्योहारों पर गाये जाने वाले संस्कार गीतों की क्षेत्रीय सूची तैयार करायी जायें।
डा तिवारी ने कहा कि एक ऐसा सूत्रधार रखा जाये जो संस्कार गीतों को लोकप्रिय बनाने के लिए गायन प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाये, जिसमें स्थानीय गायकों को वरियता दी जायें। डा तिवारी ने कहा कि संस्कार गीतों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रसिद्ध लोकगायकों शारदा सिन्हा, मालिनी अवस्थी तथा भरत सिन्हा आदि कलाकारों द्वारा ब्राडिंग एवं प्रचार-प्रसार कराया जायें।
नाटक आदि का प्रोगाम
डा नीलकंठ तिवारी ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये है कि कार्यशाला एवं नाटक आदि का प्रोगाम बनाया जायें। उन्होंने कहा है कि भारतेन्दु जी ने बहुत सारे क्षेत्रों में कार्य किया है। उससे सम्बन्धित कुछ नया करने का प्रोग्राम तैयार किया जायें। डा तिवारी ने कहा कि आगामी 9 सितम्बर को भारतेन्दु जी के जन्मदिन पर आनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया जायें।
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संस्कृति एवं धमार्थ कार्य तथा पर्यटन मंत्री डा नीलकंठ तिवारी ने राज्य ललित कला अकादमी के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कला गीथिका बनाने के सम्बंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने पूरे प्रदेश में क्षेत्रीय कलाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जनउपयोगी बनाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कलाकारों के मानदेय बढ़ाने सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दियें। डा0 तिवारी ने कहा है कि बदलते हुए परिवेश को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार किया जायें।
उन्होंने कहा है कि विभाग की महत्ता को कैसे जनता एवं समाज के बीच में कैसे पहचान दिलायी जायें, इस पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा है कि जनता के बीच में विभाग को उपयोगी बनाने की दिशा में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जायें। डा तिवारी के कलाकारों के मानदेय बढ़ाने के संबंध में कार्यवाही करने को कहा है ।
श्रीधर अग्निहोत्री
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