कांग्रेस के चार मुख्यमंत्री केंद्र के रुख से खफा, बकाया पैसा और वित्तीय पैकेज मांगा

मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अभी तक जीएसटी का बकाया राज्यों को नहीं दिया है। आर्थिक दिक्कतों के कारण राज्यों को कोरोना से जंग में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Update: 2020-04-23 13:05 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र से वित्तीय पैकेज देने की मांग की है। इन मुख्यमंत्रियों का कहना है कि अगर मोदी सरकार ने इस संकट की घड़ी में राज्य सरकारों की मदद नहीं की तो कोरोना के खिलाफ जंग कमजोर हो जाएगी। इन मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अभी तक जीएसटी का बकाया राज्यों को नहीं दिया है। आर्थिक दिक्कतों के कारण राज्यों को कोरोना से जंग में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आर्थिक दिक्कतों के कारण राज्यों को कोरोना से जंग में मुश्किलों

कांग्रेस कार्यसमिति की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी दिक्कतें सामने रखीं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयान से मीडिया को अवगत कराया।

पंजाब को नहीं मिला 4400 करोड़ का बकाया

सुरजेवाला के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके राज्य का जीएसटी का 4400 करोड़ रुपए केंद्र पर बकाया है। अभी तक इस राशि का भुगतान राज्य सरकार को नहीं किया गया है। केंद्र सरकार को राज्य की दिक्कतों को भी समझना चाहिए और जल्द से जल्द इस पैसे का भुगतान करना चाहिए ताकि राज्य कोरोना के संकट के इन दिनों में प्रभावी कदम उठा सके।

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केंद्र पैकेज दे नहीं तो लड़ाई हो जाएगी कमजोर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना था कि केंद्र सरकार को राज्यों को वित्तीय मदद करने पर विचार करना चाहिए। अगर केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को वित्तीय पैकेज नहीं दिया गया तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द राज्यों की वित्तीय पैकेज की मांग को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण राज्य सरकारें वित्तीय दबाव का सामना कर रही हैं और ऐसे में केंद्र सरकार को मदद के लिए आगे आना चाहिए।

मजदूरों और छात्रों पर नीति बनाए केंद्र

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यों को वित्तीय मदद देने के साथ ही केंद्र सरकार को विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों और विद्यार्थियों की समस्या पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर और छात्र काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और अपने घर जाने के लिए बेकरार हैं। इन मजदूरों और छात्रों को घर तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को नीति बनानी चाहिए। लॉकडाउन के कारण इन सभी के सामने आर्थिक दिक्कतें भी खड़ी हो गई हैं। इसलिए सरकार को ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी अचरज में डालने वाली है। इसके साथ ही मोदी सरकार को राज्यों की आर्थिक मदद के लिए भी आगे आना चाहिए। राज्यों की आर्थिक मदद करने से ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विजय हासिल की जा सकती है।

नारायणसामी ने भी उठाया बकाए का मुद्दा

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी बकाया जीएसटी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अभी तक उनके राज्य को जीएसटी का 600 करोड़ का बकाया पैसा नहीं मिला है।

केंद्र सरकार को इस बकाए पैसे के भुगतान की दिशा में अविलंब कदम उठाना चाहिए ताकि सरकार की कोरोना के खिलाफ जंग में आर्थिक दिक्कतें दूर हो सकें।

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