बापू से पहले हुई थी आजाद भारत की घोषणा, नेताजी ने ली थी शपथ

ये तो सभी जानते है कि भारत का स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है लेकिन बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि भारत की आजादी की घोषणा इससे काफी पहले 21 अक्टूबर 1943 को ही हो गई थी और दुनिया के कई देशों ने भारत की इस आजादी को मान्यता भी दी थी।

Update: 2020-08-14 09:55 GMT
बापू से पहले हुई थी आजाद भारत की घोषणा, नेताजी ने ली थी शपथ

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: ये तो सभी जानते है कि भारत का स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है लेकिन बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि भारत की आजादी की घोषणा इससे काफी पहले 21 अक्टूबर 1943 को ही हो गई थी और दुनिया के कई देशों ने भारत की इस आजादी को मान्यता भी दी थी।

ये भी पढ़ें:ग्राहकों को तगड़ा झटका: RBI ने इन बैंकों पर लगाया जुर्माना, आपको पड़ेगा भारी

21 अक्टूबर 1943 को भारत की आजादी और अस्थाई सरकार की घोषणा भी कर दी थी

जी हां, हमारी आजादी के नायक नेताजी यानी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को भारत की आजादी और अस्थाई सरकार की घोषणा भी कर दी थी, जिसे आजाद हिन्द सरकार कहा जाता है। इसी दिन सुभाष चंद्र बोस ने इस सरकार के प्रधानमंत्री, युद्ध तथा रक्षा मंत्री के तौर पर शपथ लेते हुए कहा था कि ईश्वर के नाम पर मैं ये पवित्र शपथ लेता हूं कि भारत और उसके 38 करोड़ लोगों को आजाद करवाऊंगा।

सुभाष चंद्र बोस के अलावा आजाद हिन्द सरकार के मंत्रिमंडल में लेफ्टिनेंट कर्नल ए सी चटर्जी वित्त मंत्री, एसए अय्यर प्रचार मंत्री तथा रास बिहारी बोस को सरकार का सलाहकार बनाया गया था। सुभाष चंद्र बोस ने बर्मा की राजधानी रंगून को अपना हेडक्वार्टर बनाया था और 18 मार्च 1944 को उनकी आजाद हिंद फौज ने नागालैड की राजधानी कोहिमा में प्रवेश किया था। इस सरकार ने अपना बैंक भी स्थापित किया था और अपनी करेंसी भी जारी की थी।

इतना ही नहीं भारत की इस आजाद हिन्द सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर सुभाष चंद्र बोस ने ग्रेटर ईस्ट एशिया कांफ्रेस में हिस्सा भी लिया था और भाषण भी दिया था। अक्टूबर 1944 में रंगून में अस्थाई सरकार की पहली वर्षगांठ भी मनाई गई और बाकायदा परेड भी हुई। इसी वर्षगांठ समारोह में जब सुभाष चंद्र बोस भाषण दे रहे थे उसी दौरान अंग्रेजों के लड़ाकू विमानों ने हमला कर दिया इसके बावजूद सुभाष चंद्र बोस ने अपना भाषण जारी रखा।

आजाद हिन्द सरकार को इन देशों से मान्यता प्रदान हुई थी

सुभाष चंद्र बोस की इस आजाद हिन्द सरकार को जर्मनी, जापान, इटली, क्रोशिया, चीन, थाईलैंड, मंचूरिया, बर्मा, फिलीपींस और आयरलैंड जैसे कई देशों ने मान्यता भी प्रदान की थी। लेकिन न तो अंग्रेजी सरकार ने और न ही आजादी मिलने के बाद भारत की किसी सरकार ने आजाद हिन्द सरकार को मान्यता दी। लेकिन 17 अक्टूबर 2017 को देश की मोदी सरकार ने 21 अक्टूबर 2017 को आजाद हिन्द सरकार की 75वीं वर्षगांठ का आयोजन कर इसे सांकेतिक मान्यता दे दी।

ये भी पढ़ें:आसमान से आई तबाही: आफत बन ले रही लोगों की जान, घर छोड़ने को हुए मजबूर

इसके अलावा जापान ने अपने कब्जे वाले अंडमान व निकोबार द्वीप भी इस आजाद हिन्द सरकार को दे दिए। सुभाष चंद्र बोस ने इन द्वीपों पर पहुंच कर इनका नया नामकरण किया। जिसमे अंडमान का नाम शहीद द्वीप तथा निकोबार का नाम स्वराज्य द्वीप रखा और 30 दिसंबर 1943 को इन द्वीपों पर आजाद हिन्द सरकार का झंडा भी फहराया था।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News