भैया दूज स्पेशलः बहनें क्या कुछ करती हैं इस दिन, पूरी जानकारी जानिये यहां

भैया दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। तमाम परिवारों में होली और दीपावली पर्व के बाद पड़ने वाली द्वितीया तिथि को भाई दूज पर्व के रूप में मनाया जाता है।

Update:2020-11-12 11:09 IST
भैया दूज स्पेशलः बहनें क्या कुछ करती हैं इस दिन, पूरी जानकारी जानिये यहां (Photo by social media)

रामकृष्ण वाजपेयी

लखऩऊ: उत्तर भारत में भाई बहन के प्यार के त्योहार भैया दूज या भाई दूज को बहुत प्रेम से मनाया जाता है। इस पर्व को पश्चिम बंगाल में भाई फोटा, महाराष्ट्र में भाऊ बीज, गुजरात में भाई बीज और पंजाब में टिक्का कहते हैं।

इस दिन बहनें अपने भाई को टीका लगा कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। भैया दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। तमाम परिवारों में होली और दीपावली पर्व के बाद पड़ने वाली द्वितीया तिथि को भाई दूज पर्व के रूप में मनाया जाता है। ये एक ऐसा त्योहार है जिसे लखनऊ में मजहब की दीवारें तोड़कर मनाया जाता है। मुस्लिम भी हो सकता है हिन्दू भी। बहन भी हिन्दू मुस्लिम कोई भी हो सकती है।

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समय में आए बदलाव के साथ त्योहार में बाजार की भागीदारी बढ़ती जा रही है

समय में आए बदलाव के साथ त्योहार में बाजार की भागीदारी बढ़ती जा रही है। जिसमें बहनें मेंहदी लगवाने पार्लर जाने से लेकर कपड़ों की खरीदारी तक करती हैं। तमाम व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल दिवाली पर एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार रहा था जिसमें भैया दूज पर महिलाओं के डिजाइनर कपड़ों व साड़ियों की बहुत डिमाण्ड रही थी।

इस साल भी बाजार भाइयों व बहनों के लिए तैयार हो गए हैं। लेडीज डिजाइनर सूट व जैँटस रेडीमेड गारमेंट्स का बाजार तैयार है। इस मौके पर बच्चों के लिए लोगों के रुझान को देखते हुए पंजाब से काफी माल आ चुका है।

भैया दूज के चलते भाई बहन दोनो ही एक दूसरे के लिए गिफ्ट खरीदने आते हैं

एक गिफ्ट शॉप के संचालक ने बताया कि भैया दूज के चलते भाई बहन दोनो ही एक दूसरे के लिए गिफ्ट खरीदने आते हैं। पर्स, परफ्यूम, ब्रेसलेट, कार्डस आदि गिफ्ट खरीदते हैं। टीनएजर्स के लिए साइड पर्स, हैंड पर्स की अच्छी रेंज बाजार में है।

कोटेशन के साथ भैया दूज ग्रिटिंग्स कार्ड भी बाजार में उपलब्ध है। जिन्हें भाई बहन एक दूसरे के लिए खरीदते व भेंट करते हैं। कुछ भाई सोने चांदी के आभूषण भी गिफ्ट करते हैं।

भैया दूज के दिन बहनें सुबह से ही नहा धोकर तैयार होकर पूजा की तैयारी में जुट जाती हैं। बहनें जब तक पूजा कर के भाई को टीका नहीं लगा लेती हैं व्रत रहती है। भाई बहन के टीका लगाने का इन्तजार करते हैं। व टीका लगाने के बाद बहन की सक्षा का वचन देते हैं और भेंट उपहार देते हैं।

इंदिरानगर की रहने वाली नीति कहती हैं

इंदिरानगर की रहने वाली नीति कहती हैं कि मैं जबसे समझने वाली हुई हरसाल भाईदूज के दिन भाई का तिलक करती हूं। मेरे भाई कभी नागा नहीं करते। इंदिरानगर की ही विभा गंगवार कहती हैं मैं भगवान की पूजा कर के भाई की लंबी उम्र की कामना करती हूं।

लालकुआं निवासी पंड़ित रमेश ने कहते हैं भैयादूज का दिन बहन भाई के लिए खास दिन है। इस दिन बहन के अंगूठे में अमृत होता है। जो भाई के प्राणों की रक्षा करता है।

भैया दूज के दिन बहन को पूजा करने के बाद भाई को खाना खिलाकर के तिलक लगाना चाहिए

पंडित रमेश कहते हैं भैया दूज के दिन बहन को पूजा करने के बाद भाई को खाना खिलाकर के तिलक लगाना चाहिए। -आजके दिन भाई को भोजन में चावल खिलाने चाहिए। भाइयों को बहन के चरणस्पर्श करके भेंट देनी चाहिए। भेट में वस्त्रों का विशिष्ट महत्व है। पंडित जी कहते हैं भाई को कच्चे चने खिलाने चाहिए व चीनी के बने खिलौनों से मुंह मीठा कराना चाहिए साथ में चूड़ा खील खिलानी चाहिए। ये शुभ माने जाते हैं।

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बहन को तिलक करते समय अपने भाई के सर पर अपनी साडी़ या दुपट्टे का पल्लू रखना चाहिए। इस प्रकार से तिलक करना शुभ होता है। बहनों को कच्चे बेर खाने चाहिए, बेर खाना भी शुभ होताहै।

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