विश्व की ये दिग्गज महिला राष्ट्रपति, जाने कैसा रहा इनका राजनीतिक सफर
आज महिलाएं घर-परिवार से लेकर बाहर तक की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. कुछ महिलाएं तो ऐसी है जिन्होंने अपने करियर के रूप में ऐसे काम को चुना जो महिलाओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. हालांकि वहां भी महिलाओं ने परचम लहराया.उन्होंने अपने जोश और लगन से कामयाबी के झंडे गाड़े. कुछ ऐसा ही दबदबा राजनीति में भी दिखता है
नई दिल्ली: आज महिलाएं घर-परिवार से लेकर बाहर तक की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। कुछ महिलाएं तो ऐसी है जिन्होंने अपने करियर के रूप में ऐसे काम को चुना जो महिलाओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। हालांकि वहां भी महिलाओं ने परचम लहराया।उन्होंने अपने जोश और लगन से कामयाबी के झंडे गाड़े। कुछ ऐसा ही दबदबा राजनीति में भी दिखता हैं। फिर वो पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हो या पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल। तो आइये जानते है भारत देश की पहली महिला राष्ट्रपति का गौरव पाने वाली राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बारे में।
प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति बनने तक का सफर
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल हैं. प्रतिभा पाटिल का पूरा नाम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल हैं। प्रतिभा पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव में हुआ था। इनके पिता का नाम नारायण राव, जो कि एक सरकारी वकील थे। उनकी शिक्षा जलगांव के आर.आर.स्कूल से आरंभ हुई। उन्होंने जलगांव के मूलजी जैठा कॉलेज से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। वहीं सन् 1962 में प्रतिभा पाटिल ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और राजनीति में कदम रखा। वे मात्र 27 साल की उम्र में ही मुंबई की जलगांव विधानसभा से विधायक चुनी गई।
सन् 1965 में प्रतिभा पाटिल का विवाह शिक्षाविद देवीसिंह रणसिंह शेखावत के साथ संपन्न हुआ। जिसके बाद प्रतिभा पाटिल, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल बन गई। 2007 से लेकर 2012 तक देश की 12 वीं राष्ट्रपति रही है। वह इंडियन नेशनल कांग्रेस की सदस्य के रूप में देश के सबसे बड़े पद पर पहुंचने वाली महिला बनी है। जिसके साथ उनका नाम भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया।
टेबिल टेनिस की बेहतरीन खिलाड़ी
आपको बता दे कि प्रतिभा पाटिल को टेबल टेनिस का काफी रूचि रही। उन्होंने कई इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं में टेबल टेनिस के खेल में अपने संस्थान का नाम भी रोशन किया है। वह 1962 में कॉलेज क्वीन भी चुनी जा चुकी हैं। टेबल टेनिस की बेहतरीन खिलाड़ी प्रतिभा पाटिल एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी रही हैं।
प्रतिभा पाटिल की उपलब्धियां
राष्ट्रपति पद पर चयन से महिलाओं को उनसे बड़ी उम्मीदें थीं राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए भी वे अपने सामाजिक कार्य से पीछे नहीं हटी। वे लगातार बच्चों की शिक्षा की तरफ पूरी तरह कोशिश करती रही। साथ ही वह सरकार को उनके कल्याण का उपाय करने का निर्देश भी देती। इन उम्मीदों पर वे काफी हद तक खरी भी उतरी।उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए मुम्बई, दिल्ली जैसे महानगरों में छात्रावास की स्थापना करवाई। जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा श्रम साधना न्यास की भी स्थापना की।
इसके अलावा उन्होंने अपनी देख-रेख में महिला विकास महामण्डल, दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय और बंजारा जनजातियों के निर्धन बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना करवाई। यहीं नहीं उन्होंने श्रम साधना ट्रस्ट भी स्थापित किया है जो कि नई दिल्ली, मुंबई और पुणे में कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल संचालित करता है।
आजकल क्या रही प्रतिभा पाटिल
2007 से लेकर साल 2012 तक देश की राष्ट्रपति के पद पर रहने के बाद प्रतिभा पाटिल समाज सेवा में व्यस्त हैं। अपने पति देवी रणसिंह शेखावत के साथ उन्होंने एक इंस्टीट्यूट विद्या भारती शिक्षण प्रसारक मंडल स्थापित किया है, जो कि अमरावती, जलगांव व मुंबई में स्कूल व कॉलेजों की चेन चलाता है।
कौन है विश्व की पहली महिला राष्ट्रपति
विश्व की पहली महिला राष्ट्रपति अर्जेन्टीना की मैरिया एसाबेल पेरॉन थी। जो 1 जुलाई 1974 से 24 मार्च 1976 तक राष्ट्रपति रही। उन्हें इसाबेल मार्टिनेज डी पेरोन या इसाबेल पेरोन के नाम से जाना जाता हैं। इनका जन्म 4 फरवरी 1931 को हुआ।
ग्रीस की पहली महिला राष्ट्रपति
64 साल की कातेरीना केल्लापोउलो ग्रीस की पहली महिला राष्ट्रपति हैं। ग्रीस में वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की संख्या कम है। जिसकी वजह से कातेरीना का नाम ग्रीस के इतिहास में दर्ज हो गया है। कोरोना काल में राष्ट्रपति चुने जाने की वजह से उन्होंने खाली संसद में शपथ ली थी।
ये भी देखिये: इन दिग्गज महिला नेत्रियों से मिलती है आगे बढ़ने की प्रेरणा, ऐसे बनाया अपना मुकाम
स्लोवाकिया की पहली महिला राष्ट्रपति
जुजाना कैप्यूटोवा स्लोवाकिया की पहली महिला राष्ट्रपति है। जुजाना के पास राजनीति को लेकर लगभग किसी की तरह का अनुभव नहीं है।उनकी पहली पहचान एक वकील के तौर पर है। 45 साल की जुजाना दो बच्चों की मां हैं, और वो प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी की सदस्य हैं।
श्रीलंका की पहली महिला राष्ट्रपति
आपको बता दें कि श्रीलंका की पहली महिला राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा है। जो 1994 से 2005 तक श्रीलंका की राष्ट्रपति रही। उनकी माता का नाम सिरीमावो भंडारनायके था, जिनका नाम विश्व की प्रथम महिला प्रधानमंत्री की लिस्ट में शामिल है।
ये भी देखिये: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीएम योगी ने कार्यक्रम में की शिरकत
दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।