विकास दुबे के एनकाउंटर में पुलिस ने कर दी ये चूक, 'दो मुठभेड़, एक ही स्क्रिप्ट'
यूपी पुलिस ने विकास दुबे के एक साथी का कुछ इसी तरीके से एनकाउंटर में मार गिराया था। सवाल ये है कि पिछले एनकाउंटर से भी पुलिस ने सीख नहीं ली और उसी पठकथा पर दूसरा एनकाउंटर कर डाला।
लखनऊ: कानपुर गोलीकांड में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे आखिरकार मारा गया लेकिन उसके एनकाउंटर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए। राजनेताओं से लेकर सोशल मीडिया तक यूपी पुलिस के इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए संदिग्ध और फेक बताया जा रहा है। यहां ये जान लेना बेहद जरुरी है कि दो दिन पहले भी यूपी पुलिस ने विकास दुबे के एक साथी का कुछ इसी तरीके से एनकाउंटर में मार गिराया था। सवाल ये है कि पिछले एनकाउंटर से भी पुलिस ने सीख नहीं ली और उसी पठकथा पर दूसरा एनकाउंटर कर डाला।
प्रभात मिश्रा का भी हिरासत में हुआ था एनकाउंटर
विकास दुबे की तलाश में दो दिन पहले यूपी पुलिस हरियाणा तक पहुँच गयी थी। विकास दुबे तो तब तक फरार हो गया था लेकिन पुलिस ने विकास दुबे के तीन साथियों को मौके से गिरफ्तार किया था। जिनके पास से पुलिस के हथियार बरामद हुए, जो 2 जुलाई की रात चौबेपुर क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान पुलिस से लूट लिए गए थे। गिरफ्तार तीनों आरोपियों में प्रभात (कानपुर), अंकुर (कानपुर), श्रवण (कानपुर) का नाम शामिल है।
दारोगा की पिस्टल छीन भाग रहा था प्रभात
वहीं बाद में पता चला की प्रभात कोरोना संक्रमित है। इस पर पुलिस ने अन्य दोनों साथियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया और 24 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया। यूपी एसटीएफ उसे रिमांड पर कानपुर ला रही थी। इस दौरान पनकी थाना क्षेत्र में पुलिस की गाड़ी ख़राब हो गई। प्रभात ने मौके का फायदा उठा कर भागने की नियत से एसटीएफ के एक दारोगा की पिस्टल छीन ली। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में प्रभात मिश्रा मारा गया।
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उज्जैन से विकास की गिरफ्तारी, कानपुर ला रही थी एसटीएफ
विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया। कहा गया कि विकास दुबे ने खुद अपनी गिरफ्तारी दी। उसने मंदिर में पुजारी को खुद अपनी पहचान बताई और खुद को गिरफ्तार कराया। उसके बाद यूपी एसटीएफ द्वारा शाम को सड़क मार्ग से कानपुर लाया गया। कानपुर सीमा पार करते ही पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वह पलट गई। विकास ने इस दौरान भागने की कोशिश में पुलिस का हथियार छीन लिया। फायरिंग की। विकास ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की , जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गयी।
दोनों एनकाउंटर में कई समानताएं
1.प्रभात मिश्रा और विकास दुबे दोनों के एनकाउंटर में काफी समानता है। दोनों के एनकाउंटर की सबसे बड़ी समानता तो यह है कि दोनों का एनकाउंटर पुलिस कस्टडी में हुआ यानी गिरफ्तारी के बाद।
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2.दोनों ही अन्य राज्यों से गिरफ्तार कर लाये गए और रास्ते में उनकी मौत हो गयी। प्रभात को हरियाणा से, वहीं विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लाया जा रहा था।
3.तीसरी समानता ये रही कि दोनों पुलिस सुरक्षा के बीच यूपी में प्रवेश किये लेकिन इसके बावजूद उन्होंने भागने की हिम्मत जुटाई।
4. दो राज्यों के बीच का सफर तय करने के दौरान दोनों को भागने का मौका कानपुर सीमा प्रवेश करने के बाद ही मिला।
5. पांचवी समानता यह रही कि दोनों आरोपियों का एनकाउंटर कानपुर सीमा के अंदर है। एक का पनकी थाना क्षेत्र के पास और दूसरे का कानपुर बॉर्डर पार करते ही।
6. एक समान बात ये भी रही कि एक का एनकाउंटर तब हुआ जब पुलिस की गाडी खराब हो गयी। दूसरे यानी विकास का एनकाउंटर तब हुआ जब पुलिस की गाडी साद हादसे में पलट गयी।
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7. सातवीं समानता ये रही कि दोनों शातिर अपराधी थे, एक पर 50 हजार का इनाम था और दूसरा गैंगेस्टर लेकिन दोनों पुलिस कस्टडी में बिना हड़कड़ी के थे।
8. प्रभात और विकास दोनों के एनकाउंटर की एक खास बात ये रही कि इतनी सुरक्षा के बीच भी दोनों पुलिस का हथियार छीनने में सफल रहे।
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