Newstrack on Bengal election: ममता या मोदी, क्या बोला जनमन, पढ़ें यहां
Newstrack.com ने अपने फेसबुक पेज पर लोगों से तीन सवाल पूछे गए थे बंगाल में किसका जलवा, कौन मारेगा बाजी। मोदी, ममता या कोई और। कुछ घंटों में ही इस पर लोगों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया दिखी। जिसमें मोदी है तो मुमकिन है के रूप में वह अपराजेय योद्धा के रूप में उभरते दिखे।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: 2019 के लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो गई थीं। जोकि अब अपने पूरे शबाब पर पहुंच गई हैं। आम चुनावों के नतीजों में पश्चिम बंगाल में भाजपा को अप्रत्याशित सफलता मिली थी। चुनाव से ऐन पहले तृणमूल कांग्रेस से भगदड़ का सीन क्रिएट कर भाजपा ने ममता को तनाव में ला दिया है। भाजपा ममता पर जबर्दस्त दबाव बनाये हुए है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की जनता किसकी ताजपोशी करेगी। ये एक अहम सवाल है। न्यूजट्रैक ने पश्चिम बंगाल के चुनाव में मोदी या ममता फेसबुक पर पोल कराया ताकि जनता का मूड जाना जा सके।
दिखी जबर्दस्त प्रतिक्रिया
Newstrack.com ने अपने फेसबुक पेज पर लोगों से तीन सवाल पूछे गए थे बंगाल में किसका जलवा, कौन मारेगा बाजी। मोदी, ममता या कोई और। कुछ घंटों में ही इस पर लोगों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया दिखी। जिसमें मोदी है तो मुमकिन है के रूप में वह अपराजेय योद्धा के रूप में उभरते दिखे। पोल 19367 लोगों तक पहुंचा। 1732 लोगों ने इसे देखा। सात शेयर हुए और 428 लोगों ने कमेंट किये। 215 से अधिक लोगों ने इसे पसंद किया। चार लोगों ने खुशी का इजहार किया और एक नाखुश दिखे।
इससे एक बात और साफ हुई की लोगों ने ममता और मोदी में मोदी को चुना है न कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में। पार्टी स्तर पर भाजपा प. बंगाल में क्या कर रही है और कितना वोट प्रतिशत बढ़ा पाती है यह उसकी कार्यकुशलता पर निर्भर करेगा। लेकिन मोदी के सिपहसालार के रूप में अमित शाह जिस तरह से लगे हैं उससे ये मुमकिन लगता है कि ममता बनर्जी का तख्ता इस बार पलट सकता है।
99 प्रतिशत लोगों ने मोदी के...
Newstrack.com के पोल में सबसे बड़ी बात यह है कि कमेंट करने वाले 428 लोगों में 99 प्रतिशत लोगों ने एक स्वर में मोदी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। एक आध ने ओवैसी और ईवीएम के पक्ष में बात कही। लोगों का सबसे अधिक आक्रोश जयश्रीराम के विरोध पर दिखा। लोगों ने तो यहां तक कहा कि बंगाल हो या कोई और राज्य मोदी के अलावा कोई नहीं।
एक नजर पिछले चुनावों पर...
प. बंगाल में वामपंथी शासन का अंत कर वहां की जनता पर एकछत्र राज करने वाली ममता बनर्जी को भाजपा ने सबसे बड़ा झटका 2019 के आम चुनाव में दिया था जब 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर भाजपा ने कब्जा कर लिया था। ममता को सिर्फ 22 सीटों से संतोष करना पड़ा था। 2016 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211, लेफ्ट को 33, कांग्रेस को 44 और भाजपा को मात्र तीन सीटें मिली थीं। लेकिन मात्र तीन साल के अंतराल में भाजपा ने प. बंगाल में जबर्दस्त काम कर दिखाया।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र 28 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी, जबकि 2019 के चुनाव में 128 क्षेत्रों में 'कमल' खिला। उधर, 2014 में 214 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने वाली टीएमसी अब केवल 158 क्षेत्रों में सिमटकर रह गई है। भाजपा लगातार पश्चिम बंगाल के जनजाति बहुल इलाकों में अपनी पैठ बढ़ाती जा रही है। 2019 में राज्य के पश्चिमी और उत्ततरी हिस्सोंल में स्थित अनुसूचित जाति/जनजाति और आदिवासी वोट भाजपा को मिले थे। जिससे उसे 18 संसदीय सीट जीतने में मदद मिली थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन
वोट शेयर में भी भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। टीएमसी ने जहां 43.3 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया वहीं बीजेपी को 40.3 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा को कुल दो करोड़ 30 लाख 28 हजार 343 वोट मिले जबकि टीएमसी को 2 करोड़ 47 लाख 56 हजार 985 मत मिले थे। इन आंकड़ों से लगता है कि भाजपा ने वोटों के कुछ लाख का अंतर पाट कर बंगाल में अब तक अपनी अजेय बढ़त बना ली है जिसकी खीझ ममता बनर्जी पर स्पष्ट दिखायी देती है।
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