कोरोना: WHO वैज्ञानिक ने चेताया- लॉकडाउन के बाद भी रखें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान
भारत में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 1190 लोग बीमार हो चुके हैं। इसलिए भारत में सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोग साफ-सफाई पर ध्यान दें।
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 1190 लोग बीमार हो चुके हैं। अब तक 32 लोगों की जान ले चुका है यह वायरस। लेकिन भारत की सबसे बड़ी चिंता का विषय है वो लोग जो एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर हैं। ये लोग ही भारत में कोरोना संक्रमण को लेकर बड़ा खतरा बन सकते हैं। अगर यह वायरस भारत के गांवों तक पहुंच गया तो पूरे देश की हालत खराब हो जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग है भारत में खतरा
ये बात कही है डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने। बिजनेस टुडे में. डॉ. सौम्या स्वामीनाथन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट हैं। इससे पहले वो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की प्रमुख भी रह चुकी हैं।
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डॉ. सौम्या ने बताया कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि भारत में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होती है। एक ही घर में कई लोग रहते हैं और एक ही बाथरूम का उपयोग करते हैं। इससे किसी भी बीमारी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
पैदल निकले लोगों से है खतरा
इसलिए भारत में सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोग साफ-सफाई पर ध्यान दें। व्यक्तिगत साफ-सफाई के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखें। सार्वजनिक स्थानों पर थूकें नहीं। इससे काफी हद तक इस वायरस को रोकने में कामयाबी मिलेगी। डॉ. सौम्या ने चिंता जाहिर की है कि जो लोग प्रवासी हैं, मजदूर हैं।
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लॉकडाउन में अपने घरों और गांवों के लिए पैदल निकल चुके हैं। इनसे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। अगर ये लोग गांवों में पहुंचते हैं और ग्रामीण इलाकों में वायरस का संक्रमण होता है तो बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगी।
हर देश इससे है जूझ रहा
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डॉ. सौम्या ने कहा कि गांवों तक बीमारी पहुंचती है तो सरकार को जांच की संख्या बढ़ानी पड़ेगी वह भी बहुत ज्यादा मात्रा में। क्योंकि ये वायरस किसी उम्र, लिंग, धर्म, इलाका, राष्ट्रीयता की इज्जत नहीं करता। इसका एक ही काम है लोगों को मारना। डॉ. सौम्या ने कहा कि भारत या यूरोप या दुनिया का कोई अन्य देश, इस समय इस वायरस के आगे झुका हुआ है। किसी भी देश को तीन तरह से काम करना होगा। शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म।
लॉकडाउन के बाद भी ज़ारी रखें सोशल डिस्टेंसिंग
लॉकडाउन हटने के बाद क्या होगा? इस पर डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी हमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना पड़ेगा। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ का जमा होना, कोई समारोह या सभा आदि पर प्रतिबंध लगाना होगा। देश के ग्रामीण इलाकों में जाकर बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी।
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ताकि यह पता चल सके कि कौन सा व्यक्ति किस शहर से आया है और वह वायरस से संक्रमित है कि नहीं। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह तत्काल टेस्टिंग की क्षमता को तेजी से बढ़ाए।