WTC: जमकर प्रैक्टिस के बाद मैदान में उतरेगी टीम इंडिया, अभी परिजनों को ले जाने की मंजूरी नहीं

इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ECB) के एक फैसले से विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया को बड़ी राहत मिली है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shweta
Update:2021-05-23 10:49 IST

कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया

Cricket:  इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ECB) के एक फैसले से विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया को बड़ी राहत मिली है। दरअसल ईसीबी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उस प्रस्ताव को मान लिया है जिसमें इंग्लैंड पहुंचने पर टीम इंडिया के लिए सिर्फ 3 दिनों के सख्त क्वारंटाइन की बात कही गई थी।

ईसीबी की मंजूरी के बाद अब टीम इंडिया को इंग्लैंड पहुंचने के बाद सिर्फ 3 दिन क्वारंटाइन रहना होगा और उसके बाद टीम के खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए उतर सकते हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले से पहले टीम इंडिया के लिए यह खबर काफी राहत भरी मानी जा रही है। जानकारों के मुताबिक अब न्यूजीलैंड की टीम को पहले इंग्लैंड पहुंचने का ज्यादा फायदा नहीं मिल पाएगा। वैसे अभी ईसीबी की ओर से खिलाड़ियों के परिजनों को ले जाने की मंजूरी नहीं दी गई है।

बता दें कि इंग्लैंड के कठिन दौरे के लिए भारतीय टीम 2 जून को इंग्लैंड रवाना होने वाली है। पहले इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड की ओर से टीम इंडिया के लिए 10 दिन के सख्त क्वारंटाइन के नियमों का पालन करने की बात कही गई थी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 18 जून से खेला जाना है।  ॉऐसे में टीम इंडिया को इस महत्वपूर्ण मुकाबले से पहले प्रैक्टिस करने के लिए सिर्फ छह दिन नहीं मिल पाते, लेकिन ईसीबी के बीसीसीआई का अनुरोध मान देने के बाद अब 3 दिन के क्वारंटाइम के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकेंगे। इससे भारतीय टीम को प्रैक्टिस करने के लिए 12 दिन मिलेंगे जिससे खिलाड़ियों को इंग्लैंड की आबोहवा में सेट होने में मदद मिलेगी।

ईसीबी ने माना बीसीसीआई का अनुरोध

बीसीसीआई और ईसीबी के बीच क्वारंटाइन के नियमों को लेकर कई दिनों से बातचीत चल रही थी और अब ईसीबी ने बीसीसीआई का अनुरोध स्वीकार कर लिया है। इंग्लैंड रवाना होने से पहले बीसीसीआई की ओर से खिलाड़ियों को मुंबई में सख्त क्वारंटाइन में रखा गया है। दो हफ्ते की इस अवधि के दौरान खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की भी इजाजत नहीं दी गई है। बीच-बीच में खिलाड़ियों की कोरोना संबंधी जांच भी की जा रही है। खिलाड़ी भी बोर्ड की निगरानी में सख्त क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करने में जुटे हुए हैं। इसका यह कारण यह बताया जा रहा है कि बीसीसीआई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि दौरे से पहले पॉजिटिव आने वाले खिलाड़ी को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

न्यूजीलैंड की टीम पहुंच चुकी है इंग्लैंड

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसमें टीम इंडिया को न्यूजीलैंड की मजबूत टीम का मुकाबला करना है। न्यूजीलैंड की टीम पहले ही इंग्लैंड पहुंच चुकी है। फाइनल मुकाबले से पहले न्यूजीलैंड की टीम कुछ मैच भी खेलेगी। ऐसे में भारतीय टीम की चिंता खिलाड़ियों के प्रैक्टिस को लेकर थी जो अब ईसीबी के फैसले से दूर होती दिख रही है। जानकारों के मुताबिक पुरुष क्रिकेट टीम के साथ ही महिला क्रिकेट टीम को भी राहत मिलेगी। महिला क्रिकेट टीम भी 2 जून को ही इंग्लैंड के दौरे पर रवाना होगी।

12 दिन प्रैक्टिस कर सकेंगे खिलाड़ी

टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला साउथैंपटन मैं खेलना है। इंग्लैंड पहुंचने के तुरंत बाद पुरुष टीम को साउथैंपटन भेज दिया जाएगा और टीम तीन दिन वही क्वारंटाइन रहेगी। टीम इंडिया के खिलाड़ी 12 दिनों की प्रैक्टिस के बाद 18 जून को फाइनल मुकाबला खेलने के लिए उतरेंगे। दूसरी और महिला क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को ब्रिस्टल भेज दिया जाएगा। यहां महिला क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 16 जून से टेस्ट मैच खेलना है। इंग्लैंड की महिला टीम के खिलाफ एक टेस्ट खेलने के बाद भारत की महिला क्रिकेटरों को तीन-तीन मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज भी खेलनी है।

अब परिजनों के मुद्दे पर फंसा पेंच

न्यूजीलैंड की टीम के खिलाड़ी 17 मई को ही इंग्लैंड पहुंच गए हैं और उन्हें 21 मई से प्रैक्टिस की इजाजत भी दे दी दे दी गई है। टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले से पहले उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि न्यूजीलैंड की टीम को इन दो टेस्ट मैचों से हाथ खोलने में मदद मिलेगी और वह पूरी मजबूती के साथ भारत के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उतरेगी। वैसे टीम इंडिया के खिलाड़ियों के परिवार वालों को लेकर अभी तक ईसीबी की ओर से मंजूरी नहीं दी गई है। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को परिजनों को ले जाने की छूट दी थी मगर अभी ईसीबी ने इस बारे में कोई राहत नहीं दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि बीसीसीआई इस मुद्दे पर ईसीबी को मनाने में कामयाब रहती है या नहीं।

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