CWC 19: दिग्गजों ने उठाए सवाल, कैसे होगा बेड़ा पार?
रविवार को बर्मिंघम में खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने टीम इंडिया का विजयी रथ रोक दिया। इस मैच में इंडिया को 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली : रविवार को बर्मिंघम में खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने टीम इंडिया का विजयी रथ रोक दिया। इस मैच में इंडिया को 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा। अब इस हार के बाद टीम इंडिया की बल्लेबाजी पर सवाल उठ रहे है और सबसे ज्यादा निशाने पर है केदार जाधव और महेंद्र सिंह धोनी। हालांकि इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया की ये पहली हार है लेकिन अब तक मध्यक्रम के बल्लेबाज सुस्त दिखाई दिए है।
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इस मैच में जब भारत को अपनी रन गति बढ़ाने की दरकार थी, तो यह दोनों ही बल्लेबाज बेबस नजर आए। 45वें ओवर में महेंद्र सिंह धोनी का साथ निभाने केदार जाधव उतरे। उस वक्त भारत को 31 गेंदों में 71 रन बनाने थे। लेकिन दोनों की साझेदारी एक बार फिर भारत के काम नहीं आई। यहां तक कि ऐसा कभी नहीं लगा कि ये दोनों जीत के लिए खेल रहे हों।
धोनी (नाबाद 42) ने 31 गेंदों पर 4 चौके और एक छक्का लगाया। मजे की बात है कि टीम इंडिया की ओर से पहाड़ सा लक्ष्य का पीछा करते हुए एक ही छक्का निकला और वो भी आखिरी ओवर में। दूसरी तरफ केदार जाधव ने 13 गेंदों पर नाबाद 12 रनों में एक चौका लगाया।
धोनी ओर केदार जाधव की फ्लॉप साझेदारी
31 गेंद
39 रन
7 डॉट बॉल
20 सिंगल
3 चौके
1 छक्का
इंग्लैंड के खिलाफ इन दोनों की बल्लेबाजी देखकर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर सौरव गांगुली ने कहा, 'आपके पास 5 विकेट हैं फिर भी आप जीत की कोशिश नहीं करते, ये सब माइंड सेट बताता है।' अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में भी धोनी और जाधव की बल्लेबाजी की खूब आलोचना हुई थी. सचिन तेंदुलकर ने तो धोनी की बल्लेबाजी पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। अफगानिस्तान के विरुद्ध मैच में धोनी ओर जाधव पांचवें विकेट के लिए 84 गेंदों में 57 रन ही जोड़ पाए थे।
उस मैच में पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी टीम इंडिया को अफगानिस्तान की फिरकी ने 224/8 रनों पर रोक दिया था। हालांकि अफगान टीम लक्ष्य से दूर रह गई और 49.5 ओवरों में 213 रनों पर ढेर हो गई थी। महेंद्र सिंह धोनी की सबसे बड़ी कमजोरी जो अब तक सामने आई है, वह है स्ट्राइक को कम रोटेट करना और डॉट बॉल अधिक खेलना। धोनी की इस कमजोरी के कारण भारत की पारी धीमी पड़ जाती है।
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सेमीफाइनल और फाइनल जैसे मुकाबलों में धोनी की इसी कमजोरी के कारण अगर भारत बड़ा स्कोर नहीं बना पाएगा तो टीम को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले धोनी की बैटिंग को लेकर पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण टिप्पणी कर चुके है।
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि धोनी को अपनी इस अप्रोच पर काम करना होगा। लक्ष्मण ने कहा, 'पारी की शुरुआत में धोनी का स्ट्राइक रेट 45-50 के बीच था। इससे टीम पर और उनके साथ बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी पर प्रेशर बनता है।'