इस क्रिकेटर के घर 5वीं बार बेटी ने लिया जन्म, लोगों ने ट्वीट कर उड़ाया मजाक, कहा-
बेटियों को कोई भी खेल खेलने की इजाजत है जब तक वह घर के अंदर है। क्रिकेट? नहीं, मेरी बेटियों के लिए यह खेल नहीं है। उन्हें कोई भी इनडोर खेल खेलने की इजाजत है, लेकिन मेरी बेटियां पब्लिक स्पोर्ट में शामिल नहीं सकतीं।'
नई दिल्ली पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज शाहिद अफरीदी एक बार फिर पिता बने हैं। उनके घर नन्ही बेटी ने जन्म लिया है। शाहिद अफरीदी ने इंस्टाग्राम के जरिए सभी को इस बात की सूचना दी है।
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उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'ईश्वर का असीम आशीर्वाद और दया मुझ पर बरकरार है। मेरी चार अद्भुत बेटियां पहले से ही हैं और एक और के आ जाने से पांच हो गई हैं।' आप सब के साथ इस गुड न्यूज को शेयर कर रहा हूं।'
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अफरीदी के इस पोस्ट पर लोग अलग-अलग तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। कुछ लोग उन्हें मुबारक दे रहे हैं वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो उन्हें आबादी पर नियंत्रण की सलाह दे रहे हैं। एक यूजर ने कहा, 'आपको कब समझ आएगा कि पाकिस्तान में आबादी नियंत्रण करने की जरूरत है। 4 बेटियां काफी नहीं थीं? या फिर एक बेटे की चाह में आप लड़कियों की क्रिकेट टीम बनाएंगे?? अगर आपको और बच्चे चाहिए तो आप कुछ अनाथ बच्चों को गोद लेकर उन्हें अच्छी जिंदगी दे सकते हैं।'
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विवादित बयान से चर्चा में ...
शाहिद अफरीदी कुछ दिन पहले अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी ने हिंदी सीरियल देखकर आरती उतारने की नकल की तो गुस्से में उन्होंने अपना हाथ मारकर टीवी को तोड़ दिया था।
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इसको लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। यह बात उन्होंने तब बताई जब अफरीदी से एक कार्यक्रम में पूछा गया था कि क्या उन्होंने कभी टीवी तोड़ा है? इस पर अफरीदी ने कहा कि अपनी पत्नी के कारण उन्होंने एक बार टीवी तोड़ा था
पिछले साल अफरीदी उस समय विवादों में फंस गए थे जब उन्होंने अपनी बेटियों के आउटडोर गेम्स खेलने पर टिप्पणी की ती। पूर्व ऑलराउंडर ने कहा था कि उन्होंने अपनी बेटियों को क्रिकेट या कोई अन्य खेल खेलने की इजाजत 'सामाजिक और धार्मिक कारणों' से नहीं दी थी।
उन्होंने कहा था, 'नारीवादी मेरे फैसले के बारे में कुछ भी कह सकते हैं। बेटियों को कोई भी खेल खेलने की इजाजत है जब तक वह घर के अंदर है। क्रिकेट? नहीं, मेरी बेटियों के लिए यह खेल नहीं है। उन्हें कोई भी इनडोर खेल खेलने की इजाजत है, लेकिन मेरी बेटियां पब्लिक स्पोर्ट में शामिल नहीं सकतीं।'