पिछले एक दशक से सानिया मिर्जा भारतीय महिला टेनिस की सबसे बड़ी हस्ती बनकर उभरी हैं, लेकिन युगल मुकाबलों की पूर्व नंबर-1 सानिया ने देश में सुविधाओं और इंफ्रास्टक्चर की कमी बताया है। महिला टेनिस में कई खिलाड़ियों के आने के बाद भी कोई भी खिलाड़ी सानिया के बराबर तक नहीं पहुंच सकी है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर कई खिताब अपने नाम किए हैं। 6 ग्रैंड स्लैम जीतने वाली सानिया ने कहा, "हमारे पास अच्छा तंत्र नहीं है. अगर 6 साल का लड़का या लड़की रैकेट पकड़ना चाहती है तो उसे पता नहीं होता कि क्या करना है। सिर्फ अनुमान लगाया जाता है। यह ट्रायल एंड एरर की तरह है तभी हम 20 साल में एक चैम्पियन निकाल पाते हैं। अगर हमारे पास अच्छा तंत्र होता तो हम हर दो साल में चैम्पियन निकालते।
उन्होंने कहा, 'टेनिस दूसरे खेलों की तुलना में काफी मुश्किल खेल है। मेहनत के लिहाज से नहीं, बल्कि पेशेवर खिलाड़ी बनने के लिहाज से। कई लोग आर्थिक मदद के बिना बीच में ही रुक जाते हैं." सानिया ने कहा वे किसी दूसरे खेल को कम साबित नहीं करना चाहती, वे सिर्फ कह रही है कि टेनिस वैश्विक खेल है, जिसे 200 देश खेलते हैं।
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उन्होंने कहा, 52 टूर्नामेंट होते हैं। हर सप्ताह एक टूर्नामेंट जहां आप खेल सकते हो।खासकर वहां से आकर भी जहां इंफ्रास्टक्चर नहीं है।
इस समय घुटने की चोट से जूझ रहीं सानिया ने हाल ही में फेडरेशन कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन की सराहना की है। भारतीय फेड कप टीम में अंकिता रैना, करमान कौर थांडी, प्रंजला यादलापल्ली और प्रथना थाम्बोरे थीं. सानिया ने इन सभी की तारीफ के साथ ही कहा कि किसी न किसी को आगे आना होगा। सानिया ने कहा, "मैंने कई वर्षो से इन लड़कियों को देखा है. यह काफी अच्छा खेलती हैं। यह सभी काफी प्रतिभाशाली और मेहनती हैं, लेकिन बात एक कदम आगे आने की है।
उन्होंने कहा, वे हमेशा नहीं खेलने वाली है। इसलिए किसी न किसी को महिला टेनिस को आगे ले जाना है जो पिछले 20 वर्षो में काफी उतार-चढ़ाव से गुजरा है। हम वहां नहीं जाना चाहते जहां हम पहले थे।देश की अग्रणी स्वास्थ्य बीमा कम्पनी मैक्स बूपा ने सानिया को अपनी 'हर दिन उपयोगी डिजिटल स्वास्थ्य' बीमा योजना-मैक्स बूपा गो-एक्टिव का पहला सदस्य बनाया है।