BEST Places to Visit in UP: उत्तर प्रदेश के वे शहर जो धार्मिक मान्यताओं के साथ घूमने के लिए भी हैं प्रसिद्ध
BEST Places to Visit in UP: उत्तर प्रदेश में धार्मिक नगरी की कतार बड़ी है जिसमें कृष्ण के जन्म स्थान से श्री राम के जन्म की पौराणिक कथाएं हैं आइए जानते है धार्मिक नगरों के बारे में...
BEST Places to Visit in UP: भारत के हर प्रदेश और नगर की कहानी अलौकिक है। लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड यह दो राज्य ऐसे है जिनकी गिनती धार्मिक मान्यताओं के नगरों में पहले नंबर पर की जाती है। यह दोनों राज्य पर्यटन और धार्मिक दोनों नजरिए से प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश की स्थापना प्रमाणिक रूप से स्वतन्त्रता के बाद 24 जनवरी 1950 को यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश करने से माना जाता है। उत्तर प्रदेश पहले सबसे बड़ा राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से माना जाता था। लेकिन सन 2000 में उत्तराखंड से अलग होकर एक राज्य बनने से इसका क्षेत्रफल कम हो गया। वर्तमान में इन्हीं दो राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ही सबसे ज्यादा तीर्थस्थान बसते है।
वाराणसी - विश्वभर में प्राचीन नगरी के नाम से विख्यात नगरी बनारस का धार्मिक महत्व अतुलनीय है। कारण है यहां के हर एक कोने से जुड़ी कहानियां चाहे वह ज्योतिर्लिंगों में शामिल बाबा विश्वनाथ धाम हो या मणिकर्णिका घाट अबकी अपनी पौराणिक कथाएं है। इसलिए इस नगरी का धार्मिक मान्यताओं के आधर पर पूजा जाता है। कहते है यहां मरने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इंसान चाहे पूरी दुनिया घूम ले लेकिन प्राण केवल महादेव के शरण में ही छोड़ना चाहेगा। धार्मिक और आध्यात्म के अतिरिक्त यहां की गंगा आरती भी प्रसिद्ध है लोग दूर दराज शहरों से यह घाट की आरती और अकल्पनीय भावों को जीने आते है। वाराणसी नगरी घूमने और धार्मिक नजरिए के बाद खाने के शौकिन लोगों का भी ध्यान अपनी ओर खींचता है कारण है, मीठे से लेकर तीखे, हर तरह के स्वादिष्ट पकवान। आप भी अगर गंगा घाट पर बैठकर घाट की खूबसूरती निहारते हुए सुकून की तलाश में भटक रहे है तो एक बार बनारस घूमने का प्लान बना ही लीजिए।
प्रयागराज - उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में शहर का नाम इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज करने का फैसला किया और वर्ष के अंत में नाम बदल गया। प्रयागराज जिसे धार्मिक नगरी का दर्जा प्राप्त है कारण है गंगा, जमुना और सरस्वती का संगम यह नदियों का संगम स्थान है।कुंभ मेला धार्मिक त्योहार जो 12 वर्षों के दौरान चार बार मनाया जाता है, चार पवित्र नदियों पर चार तीर्थ स्थानों के बीच परिक्रमा का स्थल बना हुआ है जिसमे प्रयागराज एक है- हरिद्वार में गंगा नदी पर , उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी पर , और प्रयाग (आधुनिक प्रयागराज ) में गंगा, जमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर मनाया जाता है। यहां आपको कई तरह के वास्तुकला के उदाहरण देखने को मिल सकते है जो मुगल वंश के शासन काल के समय के है।
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अयोध्या - श्री राम का जन्म स्थल जिससे करोड़ों लोगों की भावना जुड़ी हुई है ऐसे में यह स्थान पौराणिक कथाओं का साक्षी है। अयोध्या भी उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थानों में से एक है। जिसे राम की नगरी भी कहा जाता है। सरयू नदी के तट पर बसा यह नगर रामायण के कथा का साक्षी है। जिसे देखने घूमने, यहां के मंदिरों में दर्शन करने के लिए लोग दूर दूर से आता है। यही वो नगरी है जहां श्री राम का दिव्य मंदिर बन रहा है जिससे करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है। हर वर्ष देव दीवाली पर यह नगरी दीपों से जगमगा कर विश्व रिकॉर्ड बनाने का परचम लहराती है।
मथुरा - भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा यमुना नदी के किनारे बसी है इसके आसपास गोकुल, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना आदि गांव बसे हैं यह सभी श्रीकृष्ण के जीवन लीलाओं के स्थल है। जैसे अयोध्या श्री राम अवतार का साक्षी है वैसे ही मथुरा श्री कृष्ण का। भारत की सात प्राचीन नगरी अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, अवंतिका और द्वारका में से एक है मथुरा। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा आदि। हरिवंश और विष्णु पुराण में मथुरा के विलास वैभव का वर्णन मिलता है। मथुरा के आसपास 12 जंगल है और हजारों छोटे बड़े मंदिर है।
वृंदावन - मथुरा नगरी के पास में ही वृंदावन है। जिसे श्रीकृष्णी की बाल लीला की भूमि कही जाती है। यहां पर बांके बिहारीजी का विशाल मंदिर है। बांके बिहारी जी के साथ श्रीराधा बिहारी आस्था सखी मंदिर, निधिवन, प्रेम मंदिर, रंगनाथ मंदिर, केशी घाटी, मदनमोहन मंदिर, गोविंद देव मंदिर, हरे रामा हरे कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, पागल बाबा मंदिर आदि ऐसे अनेक पुराने और ऐतिहासिक मंदिर है। यह धरती भी धार्मिक होने के साथ दर्शनीय है। वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध हैं।
चित्रकूट - चित्रकूट यह वही स्थान हैं जहां पर भगवान राम, अपने अनुज लक्ष्मण और देवी सीता के साथ रुके थे यहीं पर भरत ने आकर उन्हें मानने और मना कर घर ले जाने का अभिवादन कर रहे थे। लेकिन श्री राम जी ने मना कर दिया था जिसके बाद वे यहां से श्रीराम की चरण पादुका को साथ लेकर गए थे। चित्रकूट भूमि अपने प्राकृतिक सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां धारा, राम धारा, जानकी कुण्ड, कामादगिरी आदि खन साचक स्थान है।
सारनाथ - सारनाथ यह स्थान प्रदेश के वाराणसी जिले के नजदीक स्थित है। इस स्थान को बौद्ध धर्म के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता है। सारनाथ वाराणसी शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर पूरब की दिशा में स्थित है। सारनाथ को लेकर ऐसी मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने अपना ज्ञान प्राप्ति के बाद पहली बार यही उपदेश दिया था। सारनाथ में बौद्ध धर्म के अलावा सारनाथ में भी हिंदू धर्म पर जैन धर्म के भी प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जिन्हें कभी दूसरे शासकों द्वारा नष्ट करने की कोशिश की गई थी।
कुशीनगर - उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला भी बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह वही प्राचीन नगरी है जहां घूमने के लिए दर्शन के लिए कई धार्मिक स्थान है। यह वही नगरी है जहां भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम उपदेश दिए थे।
नैमिषारण्य - गोमती नदी के तट पर बसे इस जगह का जिक्र पुराणों में बहुतायत से की गई है। नैमिषारण्य हिंदू धर्म की मान्यता के लिए एक प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। इस खूबसूरत सी नगर में ललिता देवी मंदिर, पांडव किला और गोमती नदी के घाट देखना बहुत ही सुकून और शांति दायक होता है। यहां पर बड़े बड़े दानवों के संहार का जिक्र भी पौराणिक कथाओं में किया गया है।
देवगढ़ - यह जगह जैन धर्म के लोगों के लिए धार्मिक स्थल है जो उत्तरप्रदेश के मौजूदा ललितपुर जिले में है। वर्तमान में देवगढ़ में 31 पुराने जैन मंदिर हैं।भारतीय इतिहास की अनेक घटनाओं देवगढ़ का जिक्र देखने को मिलता है। देवगढ़ विष्णु जी के दशावतार मंदिर के लिए भी हिंदुओं में भी प्रसिद्ध है। भगवान विष्णु का यह भव्य मंदिर गुप्तकालीन कला का श्रेष्ठतम उदाहरण है।