History Of Kolhapur: बेहद ही खास कोल्हापुर का इतिहास, चप्पल नहीं राक्षस के नाम पर पड़ा है शहर का नाम, जानिए क्या है कहान
History Of Kolhapur: यह शहर देश में आज भी मराठों की समृद्ध विरासत को संजोए हुए है। जिसे मसालों की राजधानी के तौर पर भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोल्हापुर शहर का नाम किस वजह से पड़ा।
History Of Kolhapur: रियासतों के रूप में पहचान रखने वाले देश का शहर कोल्हापुर के बारे में तो आपने सुना ही होगा। यह शहर महाराष्ट्र में स्थित हैं, जो पुणे से करीब 230 किमी की दूरी पर बसा हुआ है। यह शहर देश में आज भी मराठों की समृद्ध विरासत को संजोए हुए है। जिसे मसालों की राजधानी के तौर पर भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोल्हापुर शहर का नाम किस वजह से पड़ा और इसका मतलब क्या है। शायद आपको नहीं पता होगा, कि एक राक्षस के नाम इस शहर का नाम रखा गया है। जिसके पीछे एक बेहद ही खास और दिलचस्प इतिहास जुड़ा हुआ है, तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या है कोल्हापुर का इतिहास
बेहद ही खास है कोल्हापुर का इतिहास (Kolhapur Ka Itihas Kya Hai)
राक्षस के नाम पर पड़ा शहर का नाम
महाराष्ट्र में स्थित कोल्हापुर जगह के नाम के पीछे एक बेहद पुरानी और पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। जिसके मुताबिक इस शहर का नाम एक राक्षस के नाम पर रखा गया है जिसका नाम कोल्हासुर था। मान्यताओं की मानें तो राक्षस कोल्हासुर को महालक्ष्मी ने मारा था। कहा जाता है वो राक्षस यहां लोगों को परेशान करता था उन पर अत्याचार करता था, तब लोगों ने देवी लक्ष्मी से प्रार्थना की और इस राक्षस से बचाव करने की मांग की। तब इस दुराचारी राक्षस का वध कर दिया, अपनी मृत्यु के दौरान राक्षस कोल्हासुर ने माता से विनती की की उसी के नाम से इस जगह को जाना जाए। तब से ही इस जगह का नाम कोल्हापुर पड़ गया।
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फेमस हैं कोल्हापुर की चप्पलें (Kolhapur Famous Chappal)
महाराष्ट्र का कोल्हापुर चप्पलों के लिए बेहद ही फेमस है, हालांकि यहां की हस्तशिल्प भी लोगों को अलग पहचान देती है। चप्पलों के मामले में कोल्हापुर पूरी दुनिया में फेमस है। यहां कारीगर अपने हाथों से सिंपल, स्टालिश और बेहतर क्वालिटी की यूनिक चप्पलें बनाते हैं। इसके अलावा यहां मिलने वाली साड़ियां, गहने और भी कई चीजें बेहद ही खास पहचान रखती हैं। कोल्हापुर में शॉपिंग करने का अपनी अलग ही अनुभव है।
यह चीजें देती हैं खास पहचान
सिर्फ चप्पल ही नहीं बल्कि और भी कई चीजें हैं जो कोल्हापुर को एक अलग और खास पहचान देती है। जिन्हें देखने और पहचान करने लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यहां पर खरीदारी करना तो अलग अनुभव देता ही है लेकिन ओर भी चीजें हैं जो कोल्हापुर को बाकियों से अलग बनाता है।
यहां पर देवी लक्ष्मी का एक भव्य और सुंदर मंदिर बना हुआ है। लोगों का कहना है कि यहां देवी स्वयं निवास करती हैं। इस मंदिर में लोगों का तांता लगा रहता है।
श्री ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शंकर के सम्मान में यहां एक मंदिर भी स्थापित किया गया है जो ज्योतिबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर शहर से करीब 21 किमी. की दूरी पर स्थित है। खास अवसरों पर यहां सैकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
खाने को लेकर भी कोल्हापुर की अपनी एक अलग ही पहचान है। खाने का शौक रखने वाले लोगों के लिए यह परफेक्ट जगह है। यह शहर न केवल शाकाहारी बल्कि मांसाहारी भोजन के लिए भी जाना जाता है।
बेहद खास हैं कोल्हापुर के मसाले (Kolhapur Famous Masale)
यदि आप कोल्हापुर घुमने गए हैं, तो यहां के मसाले लेना न भूलें। यहां मिलने वाले मसालों का कोई जवाब ही नहीं है, जो आपकी सब्जी और किसी भी डिश को एक अलग और खास स्वाद देने के लिए काफी है। यहां का मिसल बहुत ही फेमस है, जो आलू, मटर और अन्य स्प्राउट्स को मिलाकर एक मसालेदार ग्रेवी में तैयार किया जाता है। यह डिश आपको केवल कोल्हापुर में ही खाने के लिए मिलती है।