Story Behind Jhumka Chowk: सुरमे के लिए जाना जाता था बरेली, तो क्यों बनाया गया झुमका चौक... जानिए क्या है कहानी
Story Behind Jhumka Chowk in Bareilly: अब शहर में झुमका चौक भी बना दिया गया है, हालांकि यह चौक काफी पुराना नहीं है, बल्कि साल 2019 में ही इस शहर में झुमका चौक बनवाया गया है।
Story Behind Jhumka Chowk in Bareilly: ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ यह गाना तो आपने जरूर सुना होगा। सालों से बजता आ रहा यह गाना तो सभी ने सुना है। आज यह गाना इतना फेमस हो गया है कि महिलाओं का अजीज श्रृंगार झुमका आज बरेली की पहचान हो गया है। यहीं कारण है कि अब शहर में झुमका चौक भी बना दिया गया है, हालांकि यह चौक काफी पुराना नहीं है, बल्कि साल 2019 में ही इस शहर में झुमका चौक बनवाया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भले ही झमके के साथ बरेली का नाम लिया जाता है, लेकिन यह शहर कभी झुमके के लिए जाना ही नहीं जाता था। बल्कि यह जगह तो सुरमे के लिए थी। जी हां बरेली को सुरमे के लिए जाना जाता था। तो सोचने वाली बात यह है कि आखिर इस शहर को झुमके के लिए क्यों जाना जाता है, और फिल्म के गाने में भी झुमके का जिक्र क्यों किया गया। इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है, आइए जानते हैं।
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क्या है झुमका और बरेली की कहानी
हरिवंश राय बच्चन से है कनेक्शन
इस गाने का कनेक्शन अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन से है। इस गाने के लेखक राजा मेंहदी अली खान थे। दरअसल राज मेंहदी साहब, हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन काफी अच्छे दोस्त थे। यह उस समय की बात है जब भारत और पाकिस्तान अलग-अलग नहीं हुए थे, और वह अक्सर बरेली जाया करते थे। उस समय हरिवंश राय बच्चन औक तेजी बच्चन की लव स्टोरी काफी फेमस हुई थी, और उनकी लव स्टोरी पर ही यह गाना फरमाया गया था।
क्या थी दोनों की लव स्टोरी
दरअसल हरिवंश राय बच्चन और तेजी सूरी की लव स्टोरी को जन्म देने वाला शहर था बरेली। तेजी बच्चन लाहौर के सरदार खजान सिंह की बेटी थीं और जब उनकी लव स्टोरी शुरू हुई तब तक उनकी सगाई विदेश के बड़े आदमी से हो चुकी थी। लेकिन वह मन ही मन इस सगाई के लिए तैयार नहीं थीं, दूसरी ओर हरिवंश राय बच्चन की पहली पत्नी की भी मृत्यु हो चुकी थी। दोनों के दिल टूटे हुए थे, ऐसे में इन दोनों को मिलवाने का काम तेजी की प्रोफेसर प्रेमा जौहरी और उनके पति प्रेम प्रकाश जौहरी ने किया।
इस तरह शुरू हुई थी लव स्टोरी
जिस समय यह लव स्टोरी शुरू हुई तब तक हरिवंश राय बच्चन कवि को तौर पर मशहुर हो चुके थे। एक समारोह के दौरान जब सभी दोस्त बैठे थे तो हरिवंश राय बच्चन ने एक कविता सुनाई जिसे सुनकर तेजी खुद को रोक नहीं पाई और इस उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। उन्हे देखकर हरिवंश राय बच्चन भी खुद को रोक नहीं पाए और वह भी रो पड़े। यह देखकर सभी दोस्त उस कमरे से बाहर चले गए, जिसके बाद दोनों प्रेमी एक दूसरे के गले लगकर रोने लगे और दोनो ने एक दूसरे से प्रेम का इजहार किया। दोनों यहां से सगाई करके अपने-अपने घर लौट आए और शादी की तैयारी करने लगे।
और इस तरह बना गाना
जब बरेली छोड़कर यह दोनों अपने घर आए तो उनकी शादी को लेकर कई तरह की बातें की गई थी। एक बार तेजी बच्चन और राजा मेंहदी साहब की एक कार्यक्रम के दौरान मुलाकात हुई थी, तब राजा मेंहदी साहब ने उनकी शादी को लेकर पूछा तो तेजी ने बेहद ही शानदार तरीके से जवाब देते हुए कहा कि मेरा झुमका तो बरेली के बाजार में गिर गया। इसके कई मतलब हो सकते हैं जैसे दिल हार जाना या किसी को दिल दे देना। इसी को ध्यान में रखते हुए राजा मेंहदी साहब ने मेरा साया फिल्म में लिखा था और आज इस शहर में एक झुमका चौक भी है।