Kakanmath Temple History: हजार साल पुराना है भारत का ये मंदिर, एक रात में भूतों ने किया था निर्माण, जानें इसकी रहस्यमयी कहानी

Kakanmath Temple History: भारत में कई ऐसे मंदिर भी हैं, जिनसे कई रहस्यमयी चीजें जुड़ी हुई हैं। इन्हीं मंदिरों में शामिल हैं ककनमठ मंदिर। कहते हैं इस मंदिर का निर्माण भूतों ने कराया था।

Update:2023-07-26 15:23 IST
Kakanmath Temple History (Photo - Social Media)

Kakanmath Temple History: हमारे देश में ऐसे हजारों मंदिर हैं, जहां हर रोज लाखों लोग दर्शन के लिए जाते हैं। ऐसे भी कई मंदिर है जो अपने निर्माण और बनावट को लेकर फेमस हैं। वहीं, हमारे देश में ऐसे भी कई मंदिर हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं। जैसे- कोतिलिंगेश्वारा मंदिर, मीनाक्षी मंदिर या उज्जैन मंदिर। इसके अलावा भारत में हजारों साल पुराने रहस्यमयी मंदिर भी हैं, जिसकी कहानी सुनकर लोग सोच में पड़ जाते है। आज हम आपको ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जिसे भूतों का मंदिर कहते हैं। आइये जानते हैं इस मंदिर की बड़ी बातें।

भगवान शिव का मंदिर

भगवान शिव को ककनमठ मंदिर को भूतों का मंदिर कहते हैं। यह मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सिहोनियां कस्बे में स्थित है। यह मंदिर जमीन से लगभग 115 फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है। मंदिर में थोड़ी सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही आप शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर थोड़ा खंडहर की अवस्था में है और मंदिर में मंदिर के टूटे अवशेष पड़े होते हैं। सबसे बड़ी बात कहते हैं इस मंदिर का निर्माण किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि भूतों ने एक रात में किया था।

यह मंदिर सिहोनियां से करीब दो किमी की दूरी से देखाई देता है। यहां के लोगों के लिए यह मंदिर किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह मंदिर पवित्र होने के साथ एक रहस्यमयी मंदिर के रूप में भी फेमस है।

किसने बनाया था मंदिर

जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में कछवाहा वंश के राजा कीर्ति ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया था। लोगों के अनुसार राजा कीर्ति की पत्नी ककनावती भगवान शिव की बड़ी भक्त थी और आसपास एक भी शिव मंदिर न होने की वजह से इसका निर्माण करवाया गया था।

हज़ार साल से भी प्राचीन ककनमठ मंदिर के निर्माण की कहानी बड़ी रहस्यमयी है। कहते हैं रातों-रात इस मंदिर का निर्माण भूतों मे किया था, लेकिन सुबह होते ही भूतों ने मंदिर का कुछ निर्माण छोड़ दिया था। जब आप देखेंगे तो, यह मंदिर आपको अधूरा ही नजर आएगा। इस अधूरे मंदिर को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे यह अभी गिरने ही वाला है, लेकिन इसके बाद भी मंदिर हजारों साल से इस वैसा ही खड़ा है। आंधी-तूफान आने पर भी मंदिर का कोई भी हिस्सा हिलता-डुलता नहीं है।

वैज्ञानिक भी इस मंदिर का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन यह पता नहीं कर सके कि इस मंदिर का निर्माण कैसे किया गया है। इस मंदिर को भूतों ने बनाया था, इससे जुड़ा भी कोई सटीक प्रमाण नहीं हैं। इस मंदिर को मध्य प्रदेश का अजूबा मंदिर भी कहते है।

ककनमठ मंदिर कैसे पहुंचें

इस अद्भुत मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको एमपी जाना होगा। यहां के किसी भी शहर से मंदिर पहुंचना आसान है। वैसे ये मंदिर झांसी से लगभग 154 किमी की दूरी पर है। वहीं, ग्वालियर से इसकी सिर्फ लगभग 40 किमी है। ऐसे में इन दोनों ही शहरों से आप बेहद आसानी से मंदिर में पहुंच सकते हैं।

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